जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय युद्धाभ्यास तरंग शक्ति के दौरान एलसीए तेजस की शक्ति देखकर दुनिया अवाक रह गई। भारत के फाइटर जेट ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक यूरोफाइटर टाइफून को धूल चटा दी। तेजस की इस क्षमता को देख जर्मन वायु सेना के पायलट हैरान रह गए। दुनियाभर में यूरोफाइटर टाइफून लड़ाकू विमान को खतरनाक माना जाता है। यह अत्यधिक फुर्तीला विमान है। हवा में डॉगफाइट के दौरान यूरोफाइटर टाइफून को हराना आसान काम नहीं है। इसे खास तौर पर दुश्मन के लड़ाकू विमान के साथ हवा में युद्ध करने के लिए ही डिजाइन किया गया है। यूरोफाइटर टाइफून को स्टार्म शैडो, ब्रिमस्टोन और मार्टे ईआर मिसाइलों सहित विभिन्न हथियारों और उपकरणों से लैस किया गया है। टाइफून ने 2011 में लीबिया में युद्ध के दौरान यूके की रायल एयर फोर्स और इतालवी वायु सेना के साथ हवाई टोही और जमीनी हमले के मिशनों को अंजाम देते हुए अपनी पहली लड़ाई लड़ी थी। अब इसे अपग्रेड करके और भी ज्यादा खतरनाक बनाया गया है। अब भारत में चल रहे पहले तरंग शक्ति अभियान के दौरान तेजस लड़ाकू विमान ने यूरोफाइटर टाइफून को धूल चटा दी। बता दें कि भारत में चल रहे युद्धाभ्यास में कई देशों की वायुसेनाएं भाग ले रही हैं। इसे दुनिया के सबसे बड़े युद्धाभ्यासों में गिना जाता है। तरंग शक्ति अभ्यास की शुरूआत भारत के सुलूर एयर बेस पर हुई। इस दौरान भारतीय वायु सेना के वाइस चीफ आफ एयर मार्शल एपी सिंह ने स्वदेशी फाइटर जेट तेजस को उड़ाया और जर्मन एयर फोर्स के यूरोफाइटर टाइफून को रोका। यूरोफाइटर टाइफून को जर्मन एयर फोर्स चीफ लेफ्टिनेंट जनरल इंगो गेरहार्ट्ज उड़ा रहे थे। तेजस की इस क्षमता को देख जर्मन वायु सेना के पायलट हैरान रह गए। इस घटना के बाद जर्मन लेफ्टिनेंट जनरल गेरहार्ट्ज ने कहा कि मैंने आज उड़ान भरी, और यह बहुत अच्छा था। इस दौरान भारतीय वायु सेना का विमान आया और हमें रोका। उन्होंने यह भी कहा मैं इस अभ्यास में और ज्यादा उड़ान भरने के लिए उत्सुक हूं। यह पहली बार था जब जर्मन वायु सेना ने भारत में वायु सेना के अभ्यास में भाग लिया। इस भागीदारी को जर्मनी की इंडो-पैसिफिक नीति में बदलाव का संकेत माना जा रहा है। बता दें कि एलसीए तेजस डेवलपमेंट के बाद एक लंबा सफर तय कर चुका है। यह विमान भारतीय वायु सेना की रीढ़ बन चुका है। जल्द ही इसे पाकिस्तान के साथ पश्चिमी मोर्चे पर अपने अग्रिम ठिकानों पर तैनात किया जाएगा। यहां इसे पाकिस्तान के एफ-16 और एफ-17 का सामना करना होगा। वहीं तेजस के यूरोफाइटर टाइफून को हराने की घटना ने इस स्वदेशी विमान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में ला दिया है। इस विमान की खासियतों के बारे में बात करें तो यह तेजस विमान का अपग्रेडेड वर्जन है। इसमें कई आधुनिक उपकरण लगे हैं। रडार वॉर्निंग रिसीवर, आत्मरक्षा के लिए जैमर पॉड सहित और भी कई खासियतें हैं। यह विमान हवा से हवा, हवा से सतह पर मार करने के लिए सबसे सटीक हथियार है। यह विमान वजन में भी हल्का है। इसे हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड ने बनाया है। यह अपनी श्रेणी का सबसे हल्का और सबसे छोटा बहुउद्देश्यीय सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है।
Rajneesh kumar tiwari