जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। आखिरकार जिसका इंतजार था वह दिन आ ही गया। उत्तराखंड पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां यूसीसी कानून लागू हो गया। अब इस पहाड़ी प्रदेश में हलाला और बहुविवाह पर प्रतिबंध लग जाएगा। साथ ही अगर कोई कपल लिव-इन में रहेगा तो उसे रजिस्ट्रेशन करना होगा। उत्तराखंड में आज से समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी कानून लागू हो गया है। उत्तराखंड यह कानून लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक कदम से समाज में एकरूपता आएगी। सभी नागरिकों के अधिकार और दायित्व समान रूप से तय किए जाएंगे। राज्य सरकार ने यूसीसी लागू करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं। जिसमें अधिनियम की नियमावली को अंतिम रूप देना और अधिकारियों को प्रशिक्षित करना शामिल है। समान नागरिक संहिता के अंतर्गत विवाह, तलाक, गोद लेना, संपत्ति के अधिकार और उत्तराधिकार जैसे व्यक्तिगत मामलों में समान कानून लागू किए जाएंगे। यूसीसी का लक्ष्य हर नागरिक के लिए एक समान कानूनी ढांचा तैयार करना है। जिससे धार्मिक या सांप्रदायिक आधार पर होने वाले भेदभाव को रोका जा सके। इससे उत्तराखंड में अब लिव इन में रहने वाले कपल्स को भी रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके साथ ही उन्हें लिव इन से अलग होने के लिए भी जानकारी देनी होगी। यूसीसी के लागू होने के साथ ही तलाक और विरासत के आनलाइन रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिए जाएंगे। यूसीसी के बाद उत्तराधिकारी होने के लिए गवाह की जरुरत होगी। वहीं तलाक लेने के लिए कोर्ट की मंजूरी जरुरी होगी। इसके अलावा शादी के संबंध तोड़ने पर 60 दिन के भीतर पोर्टल पर सूचना देनी होगी। इसके लिए नगर पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम स्तर पर उप रजिस्ट्रार व रजिस्ट्रार तैनात किए जाएंगे। लड़कियों की शादी की उम्र चाहे वह किसी भी जाति-धर्म की हो, एक समान होगी। सभी धर्मों में बच्चों को गोद लेने का अधिकार मिलेगा। दूसरे धर्म के बच्चे को गोद नहीं लिया जा सकेगा। यूसीसी लागू होने के बाद राज्य में हलाला जैसी प्रथा बंद हो जाएगी। बहुविवाह पर रोक होगी। उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर की हिस्सेदारी होगी। बता दें कि जब मार्च 2022 में पुष्कर सिंह धामी ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उसके तुरंत बाद मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में यूसीसी प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई थी। उन्होंने उसका मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन पर मुहर भी लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति गठित की गई थी। इस समिति ने लगभग डेढ़ साल में कई समुदाय से बातचीत के आधार पर अपनी रिपोर्ट दी। इस कमेटी ने दो फरवरी 2024 को राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर 7 फरवरी 2024 को विधानसभा के विशेष सत्र में यूसीसी विधेयक पास हुआ। उसके एक महीने बाद 12 मार्च 2024 को राष्ट्रपति ने भी उसे अपनी मंजूरी दे दी।
Rajneesh kumar tiwari