नई दिल्ली। यूपी के शाहजहांपुर के निगोही थाना क्षेत्र में सैकड़ों साल पुराना हथियारों का जखीरा मिलने से हड़कंप मच गया है। खेत की जुताई के दौरान मिले हथियारों की खबर जब जंगल आग की तरह फैली तो मौके पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। मौके पर पहुंची पुलिस ने निरीक्षण के बाद इसकी सूचना पुरातत्व विभाग को दे दी है। मामला शाहजहांपुर के निगोही थाना क्षेत्र के ढकिया तिवारी गांव का है। वहां रहने वाले किसान बाबूराम अपने खेत की जुताई कर रहे थे। तभी उन्हें अपने हल से किसी धातु के टकराने की आवाज सुनाई दी। जिसके बाद उन्होंने मिट्टी हटाकर देखा तो नीचे तलवार, चाकू, बरछी और बंदूक का जखीरा दिखाई दिया। अचानक मिले इतने अस्त्र-शस्त्र को देखकर किसान की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। उन्होंने इसकी सूचना गांव वालों को दी। अस्त्र-शस्त्र मिलने की सूचना के बाद पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। बारीकी से निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों ने इसकी सूचना पुरातात्विक विभाग को दी। शुरुआती जांच में मिट्टी के अंदर मिली तलवारों की मूठ चांदी की बनी हुई प्रतीत हो रही है। जबकि बंदूक की सिर्फ नाल है, लकड़ी का हिस्सा पूरी तरह से सड़ चुका है। माना जा रहा है कि तलवारों के साथ बंदूक का मिलना इसे डेढ़ से दो सौ साल पुराना हो सकता है। भारत में बंदूकों का प्रयोग सोलहवीं सदी से प्रारंभ हो गया था, लेकिन यहां मिला प्रमाण सत्रहवीं सदी का है। विशेषज्ञों का कहना है कि निगोही के कई खेड़े पुरातात्विक दृष्टि से समृद्ध हैं। निगोही क्षेत्र में अभी हाल ही में महाभारतकालीन अस्त्र-शस्त्र बरामद हुए थे। जिस जगह से अस्त्र-शस्त्र निकले थे वह स्थान बाग भूमि था। यह स्थान ऊंचाई पर है, अगर इसके नीचे खुदाई की जाए तो कुछ और अवशेष बरामद हो सकते हैं। अभी हाल ही में कई अन्य क्षेत्रों से भी तलवारें तथा बंदूकें साथ में मिली है। अभी तक की सबसे प्राचीनतम तलवार तीन हजार वर्ष पुरानी हैं जो कांसे की बनी है। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि इस क्षेत्र में 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष की बहुत सी घटनाएं हुई थीं। इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि इस अस्त्र-शस्त्र का उस दौर से भी कोई ताल्लुक रहा हो। उस समय लड़ाई के हथियार तलवारें और बंदूकें थी। पुरातत्व विभाग का प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी से मिलकर कुछ तलवारों को विभागीय अध्ययन हेतु प्राप्त करने का प्रयास करेगा। समुचित अध्ययन के बाद ही स्थिति स्पष्ट की जा सकेगी।
Arun kumar baranwal