जनप्रवाद ब्यूरो, लखनऊ। यूपी बीजेपी में अंदरूनी खटपट तेज हो गई है। इसी बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मानसून आफर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 100 लाओ और सरकार बनाओ। इसे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं भाजपा नेता ने केशव प्रसाद मौर्य के समर्थन में यूपी अध्यक्ष से इस्तीफा मांग लिया है। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद यूपी बीजेपी में अंदरूनी कलह तेज हो गई है। जिसको लेकर लखनऊ से दिल्ली तक बैठकों का दौर चल रहा है। बीजेपी की आपसी खटखट के बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के मानसून आॅफर की खूब चर्चा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 100 लाओ, सरकार बनाओ। बता दें कि अखिलेश यादव ने केशव प्रसाद मौर्य को पहली बार आफर नहीं दिया है। इसके पहले भी केशव प्रसाद मौर्य जब-जब अपनी पार्टी और नेताओं से नाराजगी जताते हैं तब-तब अखिलेश ने उन्हें आफर दे देते हैं। अखिलेश यादव ने बीजेपी के अंदरूनी विवाद पर तंज कसा। उन्होंने कहा भाजपा की कुर्सी की लड़ाई में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है। तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम भाजपा दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है। इसीलिए भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है। अखिलेश यादव के इस बयान पर डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश दोनों जगहों पर भाजपा की मजबूत संगठन और सरकार है। सपा का पीडीए धोखा है। उन्होंने दावा किया था कि यूपी में सपा के गुंडाराज की वापसी असंभव है। भाजपा 2027 विधानसभा चुनाव में 2017 दोहराएगी। बता दें कि हाल ही में बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक हुई थी। जिसमें बीजेपी के नेताओं की कलह सामने आई थी। यहां डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा था कि संगठन सरकार से बड़ा है। कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है। बैठक में सीएम योगी ने कहा था कि अति आत्मविश्वास ने लोकसभा चुनावों में बीजेपी को नुकसान पहुंचाया। बैठक के दो दिन बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने डिप्टी सीएम केशव मौर्य को दिल्ली बुलाया था। सूत्रों की मानें तो उनसे कहा गया है कि यूपी में सरकार और संगठन साथ-साथ काम करे। इस पर काम होना चाहिए और ऐसी कोई बयानबाजी नहीं होनी चाहिए, जिससे जनता में मैसेज जाए कि अंदरूनी कलह चल रही है। उनके साथ यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को भी दिल्ली तलब किया गया था। भूपेंद्र चौधरी ने यूपी में हार की समीक्षा पार्टी नेतृत्व को सौंप दी है। 15 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में उन्होंने यूपी में पार्टी की हार के कारण बताए हैं। दूसरी ओर भाजपा नेता और पूर्व मंत्री सुनील भराला ने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने कहा कि खुलकर केशव मौर्य का समर्थन किया। साथ कही कहा कि पार्टी में ऐसी परिपाटी रही है, जहां तत्कालीन अध्यक्षों जैसे कलराज मिश्र, विनय कटिहार आदि ने इस्तीफे दिए थे। संगठन का असली कार्यकर्ता वही है, जो अपनी गद्दी से पहले अपने संगठन और पार्टी के बारे में सोचे। इसी तरह यूपी सरकार में पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक फतेह बहादुर सिंह ने सरकार पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि 11 दिन पहले कप्तान को खुद के खिलाफ हो रही साजिश और जान से मारने के लिए चंदा इकट्ठा करने की बात बताई थी। अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। विधायक होने के बावजूद अभी तक मामले को सीरियसली नहीं लिया गया। जिले के आला अधिकारी अपराधियों के साथ मिले हैं। चंदौली की सैयदराजा सीट से बीजेपी विधायक सुशील सिंह का भी बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने केशव प्रसाद मौर्य के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि सरकार से बड़ा संगठन होता है। सुशील सिंह ने कहा कि दरअसल कुछ अधिकारी गुमराह हो गए हैं। उन्हें लगता है कि सरकार संगठन से बड़ी है। ये लोग भ्रम में हैं। संगठन ही सरकार बनाता है।
Rajneesh kumar tiwari