जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। दुनिया में कई देशों के बाद अब भारत की धाकड़ विदेश नीति की झलक पाकिस्तान में दिखाई दी। एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने गए विदेश मंत्री एस जयशंकर की जय-जयकार के नारे लगे। इस दौरान एक तरफ जहां पाकिस्तान के हुक्मरान भारत के साथ संबंधों को आतुृर दिखे वहीं एस जयशंकर ने पाक-चीन को खरी-खरी सुना दी। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस्लामाबाद में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लिया। पाकिस्तान पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। इतना ही नहीं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने खुद आगे बढ़कर हाथ मिलाते हुए उनका स्वागत किया। वहीं पाकिस्तानी स्कॉलर विदेश मंत्री के इस दौरे की जमकर तारीफ कर रहे हैं। उनका कहना है इस दौरे से दोनों देशों के बीच रिश्तों पर जमी बर्फफिर पिघलेगी। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने विदेश मंत्री जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा को लेकर कहा कि ये एक शुरूआत है। उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान अतीत को पीछे छोड़कर एनर्जी, क्लाइमेट चेंज जैसी फ्यूचर की समस्याओं से निपटेंगे। नवाज शरीफ ने कहा कि हमें वहीं से शुरूआत करनी चाहिए, जहां हमने छोड़ा था। पिछले 75 साल ऐसे ही बीत गए। अब 75 और साल बर्बाद न करें। पाकिस्तान के पूर्व पीएम ने कहा कि शांति प्रक्रिया बाधित नहीं होनी चाहिए। लिहाजा दोनों पक्षों को बैठकर गंभीरता से बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम अपने पड़ोसियों को नहीं बदल सकते, हमें अच्छे पड़ोसियों की तरह रहना चाहिए। शिखर सम्मेलन में जयशंकर ने पाकिस्तान और चीन को खरी-खरी सुना दी। उन्होंने कहा कि सहयोग आपसी सम्मान और संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए। इसे क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को मान्यता देनी चाहिए। इसे वास्तविक साझेदारी पर बनाया जाना चाहिए। इसमें एकतरफा एजेंडा नहीं होना चाहिए। जयशंकर जब भाषण दे रहे थे तब पाकिस्तान के टेलीविजन ने समिट का लाइव बंद कर दिया। बता दें कि बैठक में एस जयशंकर की खरी-खरी के डर से पाकिस्तान ने यह धूर्ततापूर्ण कदम उठाया है। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि चीन-पाक के गठजोड़ पर प्रहार करते हुए कहा कि क्षेत्र में आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद जैसे तीन शैतानों से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। वहीं शहबाज सरकार की पूरी कोशिश है कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बैठक हो। इस पर भारत ने दो टूक कहा है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद पर नकेल नहीं कसता, तब कोई बातचीत नहीं होगी। भारत के साथ बातचीत के लिए शहबाज सरकार की बेचैनी का पता बिलावल भुट्टो एक बयान से चलता है। उन्होंने कहा कि दोनों देश बातचीत करें वरना आने वाली नस्लें दोनों सरकारों को माफ नहीं करेंगी। बता दें कि बिलावल भुट्टो की पार्टी शहबाज सरकार के साथ गठबंधन में है। बिलावल भुट्टो के अलावा पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भी कहा है कि भारत जब चाहेगा तब हम बातचीत की टेबल पर आने के लिए तैयार हैं।
Rajneesh kumar tiwari