जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह को लेकर बड़ी चेतावनी दी है। उनके अनुसार इस ग्रह पर मनुष्य का रंग हरा होगा। साथ ही आंखों की रोशनी चली जाएगी। इससे एक दूसरे को देखना मुश्किल हो जाएगा। साथ ही इसांनों को यहां अन्य परेशानियों का सामना करना होगा। दुनियाभर के वैज्ञानिक पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रहों पर भी इंसानी बस्ती बसाने के प्रयास में लगे हैं। इन प्रयासों के बीच अमेरिका के प्रसिद्ध वैज्ञानिक ने बड़ी चेतावनी दी है। उनके अनुसार अगर मंगल ग्रह पर जीवन की परिकल्पना की जा रही है तो यह मानव के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। इस ग्रह पर क्रूर परिस्थितियां हैं जिसके बारे में आकलन प्रस्तुत किया गया है। वैज्ञानिक ने कहा कि अगर यहां लोगों को भेजा गया तो लोगों का रंग हरा हो जाएगा। ऐसा यहां की जलवायु के कारण होगा। इसके साथ ही उनकी आंखों की रोशनी जा सकती है। अमेरिका के टेक्सास में राइस यूनिवर्सिटी के जीवविज्ञानी डॉ. स्कॉट सोलोमन ने अपनी राय जाहिर की है। अपनी पुस्तक फ्यूचर ह्यूमन्स में डॉ. सोलोमन ने दावा किया कि मंगल की सतह पर अविश्वसनीय रूप से कठोर परिस्थितियां मौजूद हैं। इसके कारण, मनुष्यों के लिए इस ग्रह पर जीवित रहना तो दूर, पनपना भी मुश्किल हो सकता है। उन्होंने लिखा कि यदि मंगल ग्रह पर मानव निवासी बच्चों को जन्म देते हैं, तो बाद वाले बच्चों को विभिन्न कठोर उत्परिवर्तन और विकासवादी परिवर्तनों से गुजरना पड़ सकता है। डॉ सोलोमन ने बताया कि ये उत्परिवर्तन कम गुरुत्वाकर्षण बल और उच्च विकिरण के कारण हो सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप हरी त्वचा टोन, कमजोर मांसपेशियां, खराब दृष्टि और भंगुर यानी टेड़ी-मेड़ी हड्डियां होंगी। बता दें कि मंगल ग्रह पृथ्वी की तुलना में एक छोटा ग्रह है। यहां पृथ्वी की तुलना में 30 प्रतिशत कम गुरुत्वाकर्षण है। लाल ग्रह में चुंबकीय क्षेत्र और सुरक्षात्मक ओजोन परत का भी अभाव है। जिससे ग्रह अंतरिक्ष विकिरण, यूवी और सूर्य और ब्रह्मांडीय किरणों से आवेशित कणों के लिए खुला रहता है। इस खराब वातावरण के कारण मनुष्यों के लिए जटिल परिस्थतियां पैदा होती हैं। डॉ. सोलोमन ने समझाया त्वचा का रंग बदलने का प्रमुख कारण विकिरण है। इसके अलावा विशेषज्ञ ने दावा किया कि गुरुत्वाकर्षण की कमी के कारण प्रसव के दौरान महिलाओं भारी परेशानी होगी। बता दें कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा 2030 तक मंगल ग्रह पर इंसानों को उतारने की उम्मीद कर रही है। स्पेसएक्स के प्रमुख एलोन मस्क ने हाल ही में कहा था कि अगले 30 वर्षों में इंसान लाल ग्रह पर एक शहर में रह सकते हैं। अन्वेषण को आगे बढ़ाने के लिए दी गई समयसीमा से पहले कई नए मिशन भी लांच किए जा रहे हैं।
Rajneesh kumar tiwari