जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। पांच साल बाद धरती के पास से एक खतरनाक एस्टेरॉयड गुजरने वाला है। वहीं दूसरी बार इसके धरती से टकराने की आशंका है। उस समय यह अराजकता का देवता धरती पर तबाही मचाएगा। गौर करने वाली बात यह है वह खुद भी समाप्त हो जाएगा। हमारे बगल से जब कोई भारी वस्तु बेहद तेजी से गुजरती है तो होश उड़ जाते हैं। लोगों का संतुलन बिगाड़ जाता है। कुछ ऐसी ही घटना पांच साल बाद होने वाली है। पृथ्वी के पास से एक भयानक एस्टेरॉयड गुजरेगा। इसकी पृथ्वी से दूरी बेहद कम होगी। नासा और इसरो के वैज्ञानिकों के अनुसार इसका असर धरती के साथ एस्टेरॉयड पर भी पड़ेगा। बता दें कि यह वही एपोफिस एस्टेरॉयड है, जिसे लेकर इसरो चीफ डॉ. एस. सोमनाथ ने चेतावनी दी थी कि ये खतरनाक है। अब इसको लेकर नई जानकारी सामने आई है। वैज्ञानिकों के अनुसार 2029 में यह एस्टेरॉयड धरती के पास गुजरेगा लेकिन धरती से टकराने की आशंका कम है। जब यह पृथ्वी के पास होगा तो इसे भारी नुकसान पहुंचेगा। बता दें पृथ्वी की ग्रैविटी की वजह से एपोफिस की शक्ल छिल जाएगी। उसे काफी चोट पहुंचेगी। एपोफिस एस्टेरॉयड का नाम मिस्र के देवता के नाम पर रखा गया है। ये देवता अराजकता का स्वामी माना जाता है। एस्टेरॉयड एपोफिस 1230 फीट चौड़ा है। यह करीब साढ़े तीन फुटबॉल मैदान के बराबर है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह दो बार धरती के पास से निकलेगा। पहली बार 13 अप्रैल 2029 को यह धरती के पास होगा। उस समय यह धरती से महज 32 हजार किलोमीटर की दूर पर होगा। इस एस्टेरॉयड की दूसरी यात्रा साल 2036 में होगी। इसरो का अंदाजा है कि 1230 फीट बड़ा एस्टेरॉयड अगर धरती से टकराता है तो वह पूरे एशिया को खत्म कर सकता है। एस्टेरॉयड की टक्कर वाली जगह से चारों तरफ करीब 20 किलोमीटर के इलाके में सामूहिक संहार हो जाएगा। किसी तरह के जीव-जंतुओं की आबादी नहीं बचेगी। एपोफिस तीन फुटबॉल स्टेडियम, आईएनएस विक्रमादित्य, मोटेरा वाले दुनिया के सबसे नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम के बराबर है। इसकी खोज 2004 में की गई थी। यह अंतरिक्ष में सूरज की गर्मी से अपने रास्ते में थोड़ा बदलाव कर रहा था। बता दें कि इस प्रक्रिया को यार्कोवस्की प्रभाव कहते हैं। इससे एस्टेरॉयड की दिशा और गति बदलती है। जिससे एस्टेरॉयड के रास्ते में आने वाली चीजों के लिए खतरा बढ़ जाता है। इसरो, नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी समेत दुनियाभर के वैज्ञानिक एस्टेरॉयड एपोफिस के रास्ते, गति और इससे होने वाले नुकसान का आकलन कर रहे हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि धरती से इसके टकराने का चांस काफी ज्यादा हैं। इसके बावजूद सही जानकारी 2029 के फ्लाइबाय के बाद होगी। उस समय यह धरती के बेहद करीब से गुजरेगा।
Rajneesh kumar tiwari