जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। देश को एक और महत्वपूर्ण सुरंग मिलने जा रही है। जेड-मोड़ सुरंग की शुरुआत से एक ओर जहां सेना की ताकत बढ़ेगी। वहीं लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के बीच घंटों की दूरी 15 मिनट में तय होगी। वहीं इस सुरंग से किसी भी मौसम में सोनमर्ग जाया जा सकेगा। पीएम मोदी 13 जनवरी को जम्मू-कश्मीर में रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन करेंगे। यह एक ऐतिहासिक और महत्वाकांक्षी परियोजना का हिस्सा है। इस सुरंग का उद्घाटन श्रीनगर-सोनमर्ग सड़क मार्ग पर किया जाएगा। इससे न केवल जम्मू-कश्मीर की कनेक्टिविटी में सुधार होगा, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी इसके महत्व में इजाफा होगा। जेड-मोड़ सुरंग, जोजिला सुरंग परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य लद्दाख क्षेत्र को हर मौसम में सड़क मार्ग से जोड़ना है। जेड-मोड़ सुरंग 6.5 किलोमीटर लंबी दो-लेन सड़क सुरंग है। जो गगनगीर से सोनमर्ग तक जाती है। इस सुरंग का नाम सड़क के जेड आकार के मोड़ पर रखा गया है, जिसे अब सुरंग ने बाईपास कर दिया है। पहले गगनगीर से सोनमर्ग तक की यात्रा में कई घंटों का समय लगता था और यह मार्ग अक्सर बर्फबारी, हिमस्खलन और खराब मौसम के कारण बंद हो जाता था। अब, जेड-मोड़ सुरंग के माध्यम से यह यात्रा केवल 15 मिनट में पूरी की जा सकेगी। जिससे यात्रा की गति में काफी वृद्धि होगी और समय की बचत होगी। इस सुरंग का निर्माण जम्मू और कश्मीर के गांदरबल जिले में किया गया है। यह श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर स्थित है। साथ ही भू-रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। इस सुरंग के उद्घाटन के बाद, यह सोनमर्ग क्षेत्र की कनेक्टिविटी को स्थिर और मजबूत करेगा, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों को बड़ा लाभ मिलेगा। बता दें कि सोनमर्ग कश्मीर के प्रमुख हिल स्टेशनों में से एक है। अब साल भर पर्यटकों के लिए सुलभ हो जाएगा। पहले, बर्फबारी और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण सोनमर्ग तक पहुंचने में महीनों तक रुकावटें आती थीं। जेड-मोड़ सुरंग के खुलने से अब पर्यटकों को बिना किसी मौसम संबंधी रुकावट के सोनमर्ग और आसपास के क्षेत्रों का दौरा करने का मौका मिलेगा। इससे पर्यटन उद्योग को एक नई दिशा मिलेगी और स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। इस सुरंग से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। सुरंग के निर्माण और उसके बाद के रखरखाव के दौरान, स्थानीय लोगों को विभिन्न प्रकार की नौकरियां मिलेंगी। जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा। इसके अलावा, सुरंग से जुड़ी अन्य गतिविधियों जैसे होटल, ट्रांसपोर्ट, और पर्यटन संबंधित सेवाओं में भी वृद्धि होगी। इस सुरंग का महत्व केवल पर्यटन और स्थानीय कनेक्टिविटी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामरिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह सुरंग जोजिला सुरंग परियोजना के तहत बनाई गई है। यह लद्दाख क्षेत्र को सर्दियों के दौरान भी सड़क से जोड़ने का उद्देश्य रखती है। यह सुरंग भारतीय सेना के लिए भी एक महत्वपूर्ण रणनीतिक मार्ग साबित होगी। कश्मीर और लद्दाख की सीमाओं पर तैनात सैनिकों के लिए यह सुरंग संचार और आपूर्ति के मामले में एक मजबूत कड़ी बनेगी। सेना के लिए यह सुरंग एक सुरक्षित और तेज मार्ग प्रदान करेगी। जिससे सैनिकों को तैनाती और अन्य सामरिक आवश्यकताओं को पूरा करने में आसानी होगी, खासकर सर्दी और बर्फबारी के मौसम में। बता दें कि जेड-मोड़ सुरंग का निर्माण 2018 में शुरू हुआ था। निर्माण कार्य के दौरान कई बड़ी चुनौतियाँ आईं। 20 अक्टूबर 2024 को इस परियोजना पर काम कर रहे श्रमिकों पर एक आतंकी हमले में छह गैर-स्थानीय श्रमिकों समेत सात नागरिकों की मौत हो गई थी। इस हमले में एक स्थानीय डॉक्टर भी शहीद हुआ था। इसके बावजूद, सुरंग का निर्माण कार्य रुकने के बजाय तेजी से चलता रहा। अब यह उद्घाटन के लिए तैयार है।
Rajneesh kumar tiwari