नई दिल्ली। भारत सरकार ने दुनिया के सबसे बड़े प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। इस परियोजना के तहत शहरों के ऊपर सड़क बिछाई जाएगी। लोग हवा में सफर करेंगे। इससे बड़े से लेकर छोटे शहरों में ट्रैफिक का झंझट खत्म हो जाएगा। इस योजना के शुरू होने के बाद 15 मिनट में घंटेभर की दूरी तय हो जाएगी।
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आज के दौर में ट्रैफिक सबसे बड़ी समस्या
आज के दौर में जब हम किसी काम से बाहर निकलते हैं तो सबसे पहला ख्याल ट्रैफिक का आता है। सुबह आफिस का समय हो तो अपने गंतव्य तक पहुंचने में काफी समय खर्च करना पड़ता है। मुंबई-दिल्ली जैसे महानगर का कहना ही क्या। यहां ट्रैफिक बड़ी समस्या है। अब इस समस्या को पूरी तरह खत्म होने में आपको मात्र पांच साल और इंतजार करना होगा। इसके बाद शहरों से ट्रैफिक गायब हो जाएगा। घंटों जाम से छुटकारा दिलाने के लिए भारत सरकार ने मोदी सरकार के बनाए दुनिया के सबसे बड़े प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है।
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हवा में सफर करेंगे लोग
खास बात ये है कि इस प्रोजेक्ट के तहत शहरों के ऊपर रोपवे बिछाया जाएगा। लोग हवा में सफर करेंगे। ऐसा एक या दो शहर में नहीं, बल्कि 200 शहरों के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। इस पर करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। 30 प्रोजेक्ट पर तो काम शुरू हुआ है। इसकी कुल लंबाई 1200 किलोमीटर रहने का अनुमान है। बता दें कि सरकार ने भारतमाला परियोजना के तहत देशभर में 200 रोपवे यानी केबल कार चलाने की योजना बनाई है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि इसमें 60 फीसदी पैसा केंद्र सरकार देगी, जबकि शेष प्राइवेट सेक्टर के निवेश से जुटाया जाएगा। सरकार का मानना है कि 2026 तक 8 प्रोजेक्ट पूरे हो जाएंगे। वहीं सभी प्रोजेक्ट को 5 साल में पूरा करने का लक्ष्य है।
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भारतमाला परियोजना के तहत काम
भारतमाला परियोजना के तहत ही देश का पहला अर्बन रोपवे प्रोजेक्ट वाराणसी में पूरा किया जा रहा है। बता दें कि वाराणसी में सबसे ज्यादा जाम लगने वाली जगह गोड़ौलिया चौक है। अभी बनारस में जिस दूरी को तय करने में 1 घंटे का समय लग जाता है, उसे रोपवे से पूरा करने में सिर्फ 10 मिनट का समय लगेगा। रोपवे से वाराणसी रेलवे स्टेशन से काशी विश्वनाथ मंदिर का सफर बिना जाम के ही पूरा किया जा सकेगा। इस रोपवे की दूरी 4 किलोमीटर की होगी। करीब 650 करोड़ रुपये में बन रहा यह प्रोजेक्ट मार्च, 2025 तक पूरा हो जाएगा। वहीं इसकी क्षमता रोजाना 1 लाख लोगों को लाने-ले जाने की होगी।
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कई शहरी रोपवे प्रोजेक्ट पर काम
दूसरा शहरी रोपवे प्रोजेक्ट हरियाणा के महेंद्रगढ़ स्थित कुलताजपुर गांव से ढोसी हिलटॉप तक बनाया जा रहा है। अभी इस दूरी को तय करने में 1 घंटे का समय लगता है, लेकिन रोपवे से महज 3 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। यहां दिसंबर, 2025 तक काम पूरा हो जाएगा। 900 मीटर लंबे इस प्रोजेक्ट से रोजाना 50 हजार लोग यात्रा कर सकेंगे। वहीं यूपी के प्रयागराज में संगम किनारे 2 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाया जा रहा। यह जनवरी, 2026 तक तैयार हो जाएगा। शंकर विमान मंडपम से त्रिवेणी पुष्प तक बनने वाले इस रोपवे से रोजाना 30 हजार लोग सफर कर सकेंगे। अभी इस दूरी को तय करने में 30 मिनट का समय लगता है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद यह दूरी महज 7 मिनट में तय हो जाएगी। रोपवे प्रोजेक्ट में सबसे महत्वपूर्ण गौरीकुंड से केदारनाथ तक बन रहा 10 किलोमीटर लंबा केबल कार है। जो 8 घंटे की दूरी को महज 30 मिनट में पूरी कर देगा। यह प्रोजेक्ट 2029 तक पूरा होगा। इसके अलावा हेमकुंड साहिब के लिए 12 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाया जा रहा है। इससे गोविंद घाट से हेमकुंड की दूरी को सिर्फ 3 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। अभी इसमें 2 से 3 दिन का समय लग जाता है। इस केबल कार से रोजाना 22 हजार लोग यात्रा कर सकेंगे।
Rajneesh kumar tiwari