जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में पहली बार इतना तेज भूकंप आया। सोमवार सुबह-सुबह लोगों में खौफ का माहौल देखा गया। सबसे बड़ी बात यह है कि इसका केंद्र दिल्ली था। ऐसे में इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। लोग इस बात ज्यादा चिंतित हैं कि आखिरकार भूकंप के समय वो रहस्यमय आवाज क्या थी। इस वीडियो में जानेंगे कि आखिरकार भविष्यवक्ताओं ने दिल्ली में भूकंप को लेकर क्या भविष्यवाणी की है। दिल्ली-एनसीआर में सुबह-सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इसका सेंटर दिल्ली रहा। भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई है। भूकंप सुबह 5 बजकर 37 मिनट पर आया। झटके इतने तेज थे कि इमारतें हिलने लगीं। पार्किंग में खड़ी गाड़िया हिलने लगी थीं। इतना ही नहीं घरों में रखे बर्तन आवाज करने लगे। डरकर लोग अपने घरों से बाहर निकल गए। तिब्बत से लेकर दिल्ली और दिल्ली से लेकर बिहार तक पिछले 13 घंटों में 10 भूकंप आए हैं। तिब्बत में 16 फरवरी को शाम 3 बजकर 52 मिनट पर 3.5 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किये गए। इसके बाद पिछले कुछ घंटों में अरुणाचल, तिब्बत, इंडोनेशिया और भारत में भूकंप के झटके महसूस किये गए हैं। दिल्ली-एनसीआर में आया ये भूकंप पिछले कई भूकंप से काफी अलग है। इसकी सबसे बड़ी वजह भूकंप के साथ एक तेज आवाज का सुना जाना। ज्यादातर लोगों ने सुबह-सुबह ठीक उस समय ये आवाज सुनी जब भूकंप के झटके पहली दफा महसूस किए गए। अब इस आवाज के पीछे की वजह क्या है इसका खुलासा तो कोई भू-वैज्ञानिक ही कर पाएंगे, लेकिन ये आवाज बिल्कुल अलग सी थी। जिसे भूकंप के साथ-साथ पहले कभी नहीं सुना गया था। आज से पहले जब भी दिल्ली-एनसीआर में भूकंप आया तो उस दौरान उन्होंने कभी इस तरह की कोई आवाज नहीं सुनी। इस बार भूकंप के झटकों के साथ ही एक तेज आवाज सुनाई दी। इस आवाज को सुनने के बाद कई लोगों को ऐसा भी लग रहा है कि कहीं दिल्ली के ठीक नीचे कुछ भौगोलिक गतिविधि तो नहीं हो रही है। दिल्ली-एनसीआर में भूकंप का केंद्र सतह से 5 किलोमीटर नीचे बताया जा रहा है। केंद्र के सतह से इतने पास होने की वजह से भी भूकंप के झटके ज्यादा तेज महसूस किए गए। अभी तक इस भूकंप में जान-माल की हानि की कोई खबर नहीं आई है। दिल्ली में आए भूकंप का केंद्र धौला कुआं बताया जा रहा है। बता दें कि धौला कुआं में पहले भी भूकंप के झटके महसूस किए थे। धौला कुआं में एक झील भी है। इस बार भूकंप का केंद्र इसी झील के नीचे सतह से चार किलोमीटर नीचे बताया जा रहा है। बता दें कि धरती का कंपन यानी भूकंप वह रहस्य है, जिसकी भविष्यवाणी का रास्ता आज तक वैज्ञानिक नहीं खोज पाए हैं। भविष्यवाणियों का जब जिक्र आता है, तो दो नाम सबसे पहले आते हैं। नास्त्रेदमस और बाबा वेंगा। संयोग कहें या फिर कुछ और कुछ मौकों पर दोनों की भविष्यवाणियां एकदम सच साबित हुई हैं। नास्त्रेदमस ने 2025 के संदर्भ में कई बार चेतावनी दे चुके हैं। इनमें जंगलों में आग लगना, सूखा आना या फिर विनाशकारी बाढ़ आदि चीजों का नास्त्रेदमस ने अपनी किताब में लिख चुके हैं। ऐसे में भूकंप आना या फिर अचानक बहुत अधिक बारिश होना या फिर गर्मी का बहुत ज्यादा बढ़ जाना इसी तरह की प्राकृतिक आपदाओं का संकेत देते हैं। वहीं बाबा वेंगा ने साल 2025 को लेकर कुछ भविष्यवाणियां की थी। बाबा वेंगा ने 2025 में कई विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी की है। जिसके मुताबिक दुनिया के देशों में भूकंप आएगा। साथ ही कई निष्क्रिय ज्वालामुखियों के फटने की भी संभावना है।
Rajneesh kumar tiwari