जनप्रवाद ब्यूरो,नई दिल्ली। दक्षिणी लेबनान में इजरायली एयरस्ट्राइक के बाद हर ओर तबाही दिखाई दे रही है। नेशनल हाईवे मलबे के ढेर में बदल गया है। सारे पेड़ तिनके की तरह ढह गए हैं। आस-पास के इलाकों में सिर्फधुंआ ही धुंआ दिखाई दे रहा है। ईरान के मिसाइल अटैक के बाद इजरायल ने लेबनान पर एयरस्ट्राइक तेज कर दी हैं। दक्षिणी लेबनान के कई गांवों पर इजरायल हवाई हमले कर रहा है। बता दें कि यह वो इलाका है, जहां कुछ दूरी पर लेबनान की सरहद इजरायल से जाकर मिलती है। यहां की ग्राउंड रिपोर्ट बेहद भयानक रूप ले चुकी है। दक्षिणी लेबनान के जिस इलाके पर इजरायल ने भयानक बमबारी की है, वहां कुछ समय पहले तक नेशनल हाईवे हुआ करता था। अब इजरायली हमलों के बाद हाईवे पूरी तरह से मलबे के ढेर में तब्दील हो चुका है। पहले यहां से बड़े-बड़े ट्रक गुजरा करते थे, लेकिन अब इक्का-दुक्का गाड़ियां ही गुजर रही हैं। जो भी लोग अपनी गाड़ियों से यहां से निकलते हैं, उनके वाहनों को भी इजरायली सेना निशाना बनाकर बर्बाद कर रही है। ऐसे में हाईवे के किनारे बचे कच्चे हिस्से से वाहनों को गुजरना पड़ रहा है। हमले वाले इलाके में पहले गाड़ियों का वर्कशॉप हुआ करता था, जिसमें काम करने वाले कर्मचारी अब इसे छोड़कर भाग गये हैं। एक दिन पहले तक यहां बड़े-बड़े पेड़ हुआ करते थे, सभी इजरायल की एयरस्ट्राइक में तिनके के समान बिखरे दिखाई दे रहे हैं। इरायल के हमलों से सबसे ज्यादा तबाही दक्षिणी लेबनान में ही हुई है। बता दें कि पिछले 26 घंटों में इजरायल ने अपने हमलों को तेज कर दिया है। बता दें कि हाल ही में ईरान ने इजरायल पर 180 से ज्यादा मिसाइलें दागी थीं। जिसके बाद माना जा रहा था कि इजरायल पलटकर ईरान को कड़ा जवाब देगा। फिलहाल इजरायल सीधे ईरान को निशाना न बनाकर उसकी कमजोरी यानी लेबनान पर हमले कर रहा है। आज ही हिज्बुल्लाह के मारे गये चीफ हसन नसरल्लाह को सुपुर्द-ए-खाक किया जाना है। दुनिया इस इवेंट को बड़े ध्यान से देख रही है। अंदेशा है कि इजरायल नसरल्लाह के जनाजे पर भी अटैक कर सकता है। इस बीच ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामेनेई के भाषण पर दुनिया की निगाहें हैं। खामेनेई के भाषणों के आधार पर ही तय होगा कि यह जंग किस मोड़ की तरफ जाएगी। वहीं इस हमले का दुनिया पर असर दिखाई दे रहा है। अगर ईरान जंग के मैदान में उतरता है परिणाम भेहद भयानक होंगे। पश्चिम एशिया संकट का भारत पर सीधा असर पड़ेगा। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की अहम बैठक में इस पर चर्चा की गई। पश्चिम एशिया में बढ़ते संकट का असर भारत पर भी पड़ेगा। बता दें कि इस संकट से वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतें बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है। बता दें कि हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि इजरायल, ईरान के तेल ठिकानों पर हमला कर सकता है। इसके बाद दुनियाभर में तेल की कीमतों में इजाफा होने की आशंका पैदा हो गई है। बता दें कि भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी से ज्यादा तेल आयात करता है। पेट्रोलियम मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत में 2 करोड़ 94 लाख टन कच्चे तेल का आयात किया। इसके लिए भारत सरकार ने करीब 132.4 अरब डॉलर की भारी-भरकम राशि का भुगतान किया। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। यही वजह है कि अगर तेल की कीमतें बढ़ती हैं तो इससे भारत के खजाने पर विपरीत असर पड़ेगा और सरकार का बजट गड़बड़ाने का आशंका है। इसी बीच इराक ने धमकी दी है कि अगर हमें युद्ध में झोंका गया तो पश्चिम एशिया से तेल की एक बूंद भी बाहर नहीं निकल पाएगी। यूरोप में सर्दियां करीब हैं बाकी लोग खुद समझदार हैं।
Rajneesh kumar tiwari