जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। तीसरे विश्वयुद्ध के बाद इंसान उड़ने लग जाएंगे। उनके पंख निकल आएंगे। यह सब परमाणु युद्ध से हुए विकासवादी परिवर्तन के कारण होगा। रॉयल सोसाइटी से सम्मानित एक प्रतिष्ठित प्राणीविज्ञानी ने यह खुलासा किया है। जब भी तीसरे विश्वयुद्ध की बात होती है तो लोग डर जाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि दूसरे विश्वयुद्ध से मची तबाही में करोड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। अब वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि अगर तीसरा विश्वयुद्ध हुआ तो उसके बाद इंसान किसी हॉलीवुड फिल्म के सुपरहीरो जैसे हो जाएंगे। इनकी त्वचा बुलेटप्रूफ और जन्मजात निंजा कौशल हो सकते हैं। यह खुलासा आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टिम कॉल्सन ने किया है। बता दें कि वे रॉयल सोसाइटी से सम्मानित एक प्रतिष्ठित प्राणीविज्ञानी और जीवविज्ञानी हैं। उनका मानना है कि परमाणु युद्ध ऐसे विकासवादी परिवर्तन पैदा कर सकता है। जिसके बाद मनुष्यों को पहचान पाना मुश्किल हो जाएगा। प्रोफेसर टिम कॉल्सन ने सुझाव दिया है कि वैश्विक परमाणु संघर्ष के बाद इंसानों में आनुवंशिक बदलाव हो सकते हैं। यह सुपरह्यूमन पैदा कर सकता है जो आज की तुलना में मजबूत, फिट और लड़ने में कठिन होंगे। उनका मानना है कि हम क्रूर वातावरण से निपटने, आश्रयों को तैयार करने और खोई हुई तकनीक और विज्ञान को एक साथ जोड़कर हाइपर इंटेलिजेंस हासिल कर सकते हैं। उनका दावा है कि मनुष्य सिकुड़ सकता है और चमगादड़ की तरह उड़ने के लिए उनमें पंख भी हो सकते हैं। द यूरोपियन पत्रिका में छपे लेख के अनुसार मानव स्वरूप में बड़े बदलाव होने में लाखों साल लगेंगे। तीसरे विश्वयुद्ध से इसकी शुरूआत हो सकती है। उन्होंने कहा कि भविष्य में मनुष्य अत्यधिक बुद्धिमान बनने के लिए विकसित हो सकता है और उसके पास अविश्वसनीय ताकत आ सकती है। उसके पास चमगादड़ की तरह उड़ने की क्षमता हो सकती है। उन्होंने आगे लिखा कि किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि आधे अरब साल पहले का जीव एक छोटी जेलीफिश जैसा था। बाद में वह मनुष्य के रुप में विकसित हुआ। प्रोफेसर टिम कॉल्सन ने कहा कि विकास वह प्रक्रिया है जिसके जरिए मनुष्य सहित दूसरे जीव आनुवंशिक भिन्नता और प्राकृतिक चयन के जरिए समय के साथ बदलती हैं। जीवों में ऐसी चीजें विकसित होती हैं। जिससे जीवित रहने और प्रजनन में सुधार करने के लक्षण बढ़ते हैं। पर्यावरणीय आपदाएं, युद्ध, बीमारी और जलवायु परिवर्तन जैसी घटनाएं विकासवादी दिशा में बदलाव ला सकती है। यह विकास प्रक्रिया में तेजी ला सकती है।
Rajneesh kumar tiwari