जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। तीसरे विश्व युद्ध ने दस्तक दे दी है। हमास प्रमुख इस्माइल हानिया के मारे जाने से तिलमिलाए ईरान और हमास ने इजरायल पर बड़े हमले की धमकी दी है। वहीं युद्ध की आहट को देखकर अमेरिका ने युद्धपोत और लड़ाकू विमानों को पश्चिम एशिया की ओर रवाना कर दिया है। पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने भी अपनी सैन्य तैनाती बढ़ाने का फैसला किया है। अमेरिका ने पश्चिम एशिया में और युद्धक जहाज और लड़ाकू विमान तैनात करने का फैसला किया है। अमेरिका का यह फैसला ऐसे समय पर आया है, जब ईरान ने इजरायल पर हमले की धमकी दी है। दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। वहीं हिजबुल्ला भी अपने कमांडर की मौत के बाद से इजरायल पर हमले की फिराक में है। तेहरान में हमास के प्रमुख इस्माइल हानिया की मौत से ईरान तिलमिलाया हुआ है। हमले के बाद से ही ईरान लगातार चेतावनी दे रहा है। अब ईरान के प्रमुख मीडिया संस्थान ने अपने लेख में कहा है कि इस बार इजरायल के भीतरी क्षेत्र को टरगेट किया जाएगा। लेख में कहा गया है कि पहले के हमले के उलट इस बार बड़ा हमला होगा। तेल अवीव और हाइफा जैसे शहरों को निशाना बनाया जाएगा। बता दें कि अखबार काहान ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई द्वारा प्रबंधित है। लेख में आगे कहा गया है कि पछली बार आपरेशन में ईरान ने सिर्फ कुछ ठिकानों को निशाना बनाया गया था। इस बार इजरायल के अंदरूनी इलाकों के घरों को निशाना बनाया जाएगा। लेख में कहा गया है कि इस बार का हमला बड़ा, खतरनाक होगा, जिसे इंटरसेप्ट करना भी मुश्किल होगा। ईरान की इस चेतावनी को अमेरिका ने हल्के में नहीं लिया है। रक्षा विभाग पेंटागन की उप-सचिव सबरीना सिंह ने बयान में कहा कि रक्षा विभाग लगातार ऐसे कदम उठाता रहेगा, जिससे ईरान और ईरान के सहयोगियों द्वारा क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने की संभावना को कम किया जा सके। पेंटागन ने पश्चिम एशिया में मौजूद अपने युद्धपोत यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट की जगह लेने के लिए अपने युद्धपोत यूएसएस अब्राहम लिंकन को भेजा है। यह युद्धपोत के साथ ही लड़ाकू विमानों से युक्त स्ट्राइक ग्रुप भी पश्चिम एशिया भेजा गया है। साथ ही अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड आॅस्टिन ने बैलिस्टिक मिसाइल से लैस क्रूजर और विध्वंसक जहाज भी यूरोपीय कमांड के अंतर्गत पश्चिम एशिया भेजने का आदेश दिया है। साथ ही लड़ाकू विमानों की एक स्कवाड्रन भी भेजी जा रही है। यूएन में ईरान के स्थायी मिशन ने चेतावनी दी है कि जंग में हमास उसका खुलकर साथ देगा। लेबनान की राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह के एक टाप कमांडर फुआद की हत्या के जवाब में समूह इजरायल के अंदर और बड़े और गहरे नागरिक और सैन्य ठिकानों पर हमला कर सकता है। वहीं यह अभी स्पष्ट नहीं है कि क्या हिजबुल्लाह से के साथ मिलकर हमला करेगा या अकेले जंग के मैदान में आएगा। बता दें कि हिजबुल्लाह के पास 150,000 मिसाइलों और राकेटों का भंडार है। जिनमें से कुछ लंबी दूरी तक मार करने वाली हैं। अगर इतनी बड़ी संख्या में मिसाइलें छोड़ी जाती हैं तो इजरायल के आयरन डोम के लिए इसे इंटरसेप्ट करना मुश्किल हो जाएगा। लंबी दूरी की मिसाइलें इजरायल के अंदर ठिकानों को निशाना बनाने में कारगर है। ऐसे में इजरायली सेना को दो मोर्चो पर जंग लड़ना पड़ेगा।
Rajneesh kumar tiwari