नई दिल्ली। अमेरिका और चीन के बीच तनाव अब टकराव की ओर बढ़ चुका है। खतरनाक बताए जा रहे चीन के फाइटर जेट जे-20 के जबाव में अमेरिका ने अपना बेहद मारक एफ-22 लड़ाकू विमान तैनात कर दिया है। चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। ताइवान की सीमा के पास फिर उसने सैन्य विमान भेजे हैं। छह बजे नौ चीनी सैन्य विमान और पांच नौसैनिक जहाजों को ताइवान की सीमा के पास देखा गया। वहीं चाइनीज स्टेट टीवी ने बड़ा ऐलान किया। टीवी ने कहा कि चीन जल्द ताइवान पर कब्जा करेगा। जनता को आगामी युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। बता दें कि चीन और ताइवान के बीच लंबे समय से चल रहा विवाद अब और बढ़ चुका है। यहां तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। वहीं अब चीन से निपटने के लिए अमेरिकी वायु सेना ने कमर कस ली है। इससे अमेरिका और चीन के बीच तनाव अब टकराव की ओर बढ़ रहा है। अमेरिकी वायु सेना ने अपने एफ-22 रैप्टर को चीन-जापान और ताइवान के करीब तैनात करना शुरू कर दिया है। अमेरिकी वायु सेना ने वर्जीनिया के फर्स्ट फाइटर विंग लैंगली स्थित एफ-22 रैप्टर्स को जापान के कडेना एयर बेस पर तैनात किया है। बता दें कि कडेना ओकिनावा द्वीप पर है, जो चीन से सिर्फ 650 किलोमीटर और ताइवान से इतनी ही दूरी पर है। बता दें कि कडेना एयर बेस का निर्माण 1945 में जापानियों द्वारा किया गया था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, इसे अमेरिकी सेना ने अपने कब्जे में ले लिया। तब से अमेरिका यहां कई युद्धक विमान तैनात करता आया है। नवंबर 1954 में यहां अमेरिका ने 18वां फाइटर-बॉम्बर विंग तैनात किया था। जनवरी 1961 में आइजनहावर के राष्ट्रपति कार्यकाल के अंत में अमेरिका ने प्रशांत महासागर में लगभग 1700 परमाणु हथियार तैनात किए थे। अब यहां पहली बार एफ-22 लड़ाकू विमान तैनात किए हैं। वहीं एफ-22 को ड्रैगन के पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान का सामना करना पड़ सकता है। युद्ध की स्थिति में चीनी सेना कडेना सहित पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी ठिकानों पर हमला कर सकती है। यह सभी क्षेत्र चीन की कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल और क्रूज मिसाइल हमले की सीमा के भीतर हैं। ऐसे में यह जानना दिलचस्प हो जाता है कि एफ-22 और जे-20 में कौन लड़ाकू विमान ज्यादा ताकतवर है। लॉकहीड मार्टिन एफ-22 रैप्टर एक अमेरिकी डबल इंजन वाला स्टील्थ पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है। यह यूएसएएफ के एडवांस्ड टैक्टिकल फाइटर एटीएफ कार्यक्रम का एक उत्पाद है। इसे एयर सुपीरियॉरिटी फाइटर जेट के रूप में डिजाइन किया गया है। इसमें जमीनी हमले, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और सिग्नल खुफिया क्षमताएं भी शामिल हैं। एफ-22 का आकार स्टील्थ और एरोडॉयनेमिक प्रदर्शन को जोड़ता है। इसका रडार क्रास सेक्शन दुनिया में मौजूद किसी भी लड़ाकू विमान की अपेक्षा सबसे कम है। इस कारण एफ-22 को दुश्मन आसानी से पहचाना नहीं जा सकता है। इसने 27 साल पहले सितंबर 1997 में अपनी पहली उड़ान भरी थी और दिसंबर 2005 में यूएसएएफ में शामिल किया गया था। दूसरी ओर चीन का चेंगदू जे-20 एक स्टील्थ पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है। इसे सटीक मारक क्षमता वाले हवाई श्रेष्ठता सेनानी के रूप में डिजाइन किया गया है। विमान ने जनवरी 2011 में अपनी पहली उड़ान भरी थी। इसकी लंबाई 21 मीटर है। यह 1700 किलोग्राम का है। इसकी मारक क्षमता एफ-22 से कम है। वहीं इसके रडार में पकड़ में न आने के दावों पर भी संदेह है।
Rajneesh kumar tiwari