जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। शिमला में मस्जिद के कथित अवैध निर्माण को लेकर पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हिंदू संगठन अब सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शन कर रहे हिंदू संगठनों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ डाले। पुलिस ने भी लाठीचार्ज, वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। इससे भीड़ बेकाबू हो हुई। हिमाचल प्रदेश के शिमला में संजौली मस्जिद को लेकर हिंदू संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। हिंदू पक्ष का कहना है कि पांच मंजिला मस्जिद का निर्माण अवैध रूप से किया गया है। इसलिए इस मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराया जाना चाहिए। आज भीड़ संजौली में बेकाबू हो गई। हालात इतने खराब हो गए कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। वहीं प्रदर्शन के चलते धारा 163 लागू कर दी गई है, लेकिन हजारों की संख्या में लोग सड़क पर प्रदर्शन करते हुए नारे लगा रहे हैं। बता दें कि मस्जिद विवाद एक लड़ाई की वजह से शुरू हुआ। जहां शिमला के मल्याणा इलाके में एक हिंदू व्यक्ति के साथ करीब 6 लोगों ने मारपीट की थी। जिसके बाद वो गंभीर रूप से घायल हो गया। इस मारपीट को लेकर उक्त व्यक्ति ने थाने में केस दर्ज कराया और बताया कि मारपीट के बाद सभी आरोपी मस्जिद में छिप गए। जब हिंदू संगठनों को इसका पता चला तो उन्होंने संजौली मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस मस्जिद को अवैध बताकर इसे गिराने की मांग उठाई। इसके बाद धीरे-धीरे लोगों का ये प्रदर्शन आक्रोश में बदल गया। बता दें कि इस मस्जिद को लेकर कहा जा रहा है कि यह पुरानी है। पहले यहां पर एक टेलर की दुकान थी, फिर लोगों ने ही चंदा देकर मस्जिद का निर्माण करवाया। अब शिमला का नियम है जिसमें साफ कहा गया है कि ढाई मंजिल से ज्यादा बड़ी कोई भी इमारत खड़ी नहीं कर सकते। लेकिन जिस संजौली मस्जिद की बात हो रही है, वो वर्तमान में पांच मंजिल की बन चुकी है। एक दावा यह भी किया जा रहा है कि जिस जमीन पर मस्जिद बनी है। वह 1967 से हिमाचल सरकार के पास है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि सरकारी जमीन पर धार्मिक स्थल का निर्माण कैसे हो गया। इस मुद्दे पर कांग्रेस के सीनियर नेता और हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह का बयान आया है। उन्होंने कहा है कि सभी को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन कोई ऐसी स्थिति न बने जिससे प्रदेश की शांति खराब हो। प्रदेश का ला एंड आॅर्डर बिगड़ने नहीं दिया जा सकता है। पूरा मामला कोर्ट में है। अगर वो जगह अवैध पाई गई तो कार्रवाई होगी और कानून के तहत उसको ढाहाया जाएगा। यह मुद्दा हिमाचल प्रदेश की सियासत में भी छाया हुआ है। हाल ही में हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में मस्जिद निर्माण के मुद्दे पर कड़ी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि संजौली बाजार में महिलाओं का चलना मुश्किल हो गया है। चोरियां हो रही हैं। लव जिहाद जैसी घटनाएं हो रही हैं, जो प्रदेश और देश के लिए खतरनाक हैं। मस्जिद का अवैध निर्माण हुआ है। पहले एक मंजिल बनाई, फिर बिना परमिशन के बाकी मंजिलें बनाई गईं। प्रशासन से यह सवाल है कि मस्जिद के अवैध निर्माण का बिजली-पानी क्यों नहीं काटा गया। एआईएमआईएम प्र्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हिमाचल प्रदेश के मंत्री अनिरुद्ध सिंह के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कांग्रेस पर भाजपा की भाषा बोलने का आरोप लगाया था। ओवैसी ने कहा था कि हिमाचल की मोहब्बत की दुकान में नफरत ही नफरत है।
Rajneesh kumar tiwari