जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। पुर्तगाल के समंदर में 22 टन सोना और चांदी का बेशकीमती खजाना मिला है। इस खजाने को खोजने वाले ने दावा किया है कि समंदर की गहराई में ऐसे और 250 जहाज डूबे हैं जिसमें बेशुमार संपत्ति है। कहते हैं समुद्र की गहराइयां मापना, ब्रह्मांड के अनंत रहस्यों को खोजने से भी ज्यादा मुश्किल है। जब से मानव सभ्यता ने चलना सीखा समुद्र में खोज जारी है। सैकड़ो सालों तक समुद्री जहाज के जरिए दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने की यात्रा के दौरान कई दुर्घटनाएं हुईं। माना जाता है कि ऐसी दुर्घटनाओं में समुद्र में डूबे जहाजों में इतना सोना समंदर की गहराइयों में दफन है जिससे अमेरिका, ब्रिटेन जैसे दुनिया के कई ताकतवर मुल्क खड़े किए जा सकते हैं। इसी क्रम में पुर्तगाल के समंदर में एक बड़ा खजाना मिला है। समंदर में जिस सख्स ने खजाना खोजा है उसका नाम एलेक्जेंडर मॉन्टीरो है। ये एक पुर्तगाली पुरातत्वविद हैं। उन्होंने दावा किया है कि पुर्तगाल के आसपास के समंदर में 250 जहाज डूबे पड़े हैं। जिनमें खजाना भरा पड़ा है। एक जहाज पर कम से कम 22 टन सोना और चांदी मिला है। मॉन्टीरो का कहना है कि ये खजाना जिसे मिलेगा वह दुनिया का सबसे अमीर आदमी बन सकता है। मॉन्टीरो ने दावा किया है कि 1589 में लिस्बन के दक्षिण में एक स्पैनिश गैलियोन जहाज ट्रोजन प्रायद्वीप के पास डूबा था। यह नोसा सेनहोरा डो रोजारिया का समुद्री इलाके है। मॉन्टीरो का कहना है कि उन्होंने एक खास तरह का डेटाबेस बनाया है। एलेक्जेंडर द्वारा बनाए गए डेटाबेस में मदीरा, अजोर्स और देश के अन्य इलाकों शामिल हैं। इसमें कहां-कहां खजाने से भरे जहाज डूबे हैं इसककी पूरी मैपिंंग तैयार की गई है। एलेक्जेंडर का मानना है कि सभी जहाज 16वीं सदी से अब तक डूबे हैं। पुर्तगाल के आसपास डूबने वाले जहाजों की संख्या करीब 8620 है। देश के अन्य आर्कियोलॉजिस्ट का कहना है कि इस खजाने के मिलने के बाद बेशुमार धन संपत्ति मिल सकती है। सबसे पहले ये जरूरी है कि पहले ऐसे जहाजों को खोजा जाए। इसके बाद उन्हें समुद्री से से सुरक्षित निकाला जाए। यह काम काफी चुनौतीपूर्ण है। बता दें कि पुर्तगाल के पास इन खजानों को सुरक्षित रखने और संभालने की सुविधाएं नहीं हैं। बता दें कि इससे पहले भूमध्य सागर में एक जहाज खोज गया था। इसमें समुद्र के नीचे जहाज के मलबे से बेहद कीमती और दुर्लभ चीजें मिली थी। यह खजाना कुख्यात बार्बरी समुद्री डाकुओं का था। बार्बरी तट के समुद्री डाकू कस्बों पर हमला कर लूट करते थे। इस सामान में पुरातात्विक सोने की कलाकृतियां और दुर्लभ स्पाईग्लास शामिल थी। बोर्ड पर कई देशों के मिट्टी के बर्तन भी थे। मर्चेंट रॉयल जहाज 1641 में भयंकर खराब मौसम की वजह से कॉर्नवाल के तट पर डूब गया था। इसके मलबे को खोजने का काम मल्टीबीम सर्विसेज किया था।
Rajneesh kumar tiwari