नई दिल्ली। देश में आम चुनावों के बीच कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान से राजनीतिक पारा अचानक चढ़ गया। पीएम मोदी समेत भाजपा नेताओं ने जहां कांग्रेस पर हमला बोला है, वहीं कांग्रेस ने भी सफाई दी। ऐसे में यह जानना दिलचस्प है कि विरासत कर क्या है। सवाल है कि कहीं यह चुनावी मौसम में कांग्रेस पर भारी न पड़ जाए। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा का विरासत टैक्स को लेकर दिया गया उनका बयान चर्चा में है। अमेरिका में विरासत टैक्स की पैरवी करने के उनके बयान से बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि अच्छा हुआ कांगे्रस की मंशा पहले ही उजागर हो गई। वहीं पार्टी नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह पित्रोदा का निजी बयान है। इससे कांग्रेस का सरोकार नहीं है।
विरासत कर पर मचा हंगामा
विरासत कर की बात करें तो इसे यूं समझा जा सकता है। माान लीजिए कि किसी के पास एक करोड़ की कोई प्रॉपर्टी है और उस शख्स का निधन हो जाता है। भारत में ऐसी स्थिति में पूरी प्रॉपर्टी उसके बच्चों को ट्रांसफर हो जाती है, क्योंकि यहां इनहेरिटेंस टैक्स नहीं लगता। लेकिन, जहां यह कानून लागू है, वहां प्रॉपर्टी का एक तय हिस्सा सरकार को भी जाएगा। अमेरिका के भी छह राज्यों- आयोवा, केंटुकी, मैरीलैंड, नेब्रास्का, न्यू जर्सी और पेंसिल्वेनिया में यह कानून लागू है। यहां के अलग-अलग राज्यों में अलग टैक्स तय है। इनहेरिटेंस टैक्स विरासत में मिली प्रॉपर्टी के 1 प्रतिशत से लेकर 20 प्रतिशत तक वसूला जाता है। वहीं पित्रोदा के बयान से पहली बार कांग्रेस की मुसीबतें नहीं बढ़ी हैं। इसके पहले 2019 के चुनाव में उनके बयानों से पार्टी को भारी नुकसान हो चुका है। वह समय-समय पर ऐसे बयान देते रहे हैं, जो विवादित रहे हैं।
पहले भी दिए थे विवादित बयान
सैम पित्रोदा ने 2019 में पिछले लोकसभा चुनाव में 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर एक बयान दिया था। बता दें कि भाजपा ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के इशारे पर सिख दंगे हुए थे। इसका जवाब में पित्रोदा ने कहा था कि यह झूठ है। जो 84 में हुआ था वह हो चुका है। सरकार को विकास पर बात करनी चाहिए। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान उनके हुआ तो हुआ बयान पर खूब हंगामा मचा था। पीएम मोदी ने फरवरी 2024 में संसद के भीतर कहा था कि कांग्रेस पार्टी के एक मार्गदर्शक अमेरिका में बैठे हैं, जो अपने हुआ तो हुआ बयान से लोकप्रिय हुए हैं। कांग्रेस परिवार उनके बेहद नजदीक है। सैम पित्रोदा ने ऐसा ही एक और विवादित बयान अप्रैल 2019 में भी दिया था। उन्होंने टीवी इंटरव्यू के दौरान कहा था कि देश के मिडिल क्लास को स्वार्थी नहीं बनना चाहिए। उन्हें पार्टी की प्रस्तावित न्याय योजना को फंड करने के लिए अधिक से अधिक टैक्स देने के लिए तैयार रहना चाहिए। पुलवामा हमले के जवाब में फरवरी 2019 में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी। वहीं पित्रोदा ने इस एयरस्ट्राइक पर भारत सरकार के दावों पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि पुलवामा जैसे हमले होते रहते हैं। मैं इन हमलों के बारे में ज्यादा नहीं जानता। ये हर समय होते रहते हैं। मुंबई में भी हमला हुआ था। जून 2023 में सैम पित्रोदा के एक और बयान से राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था। उन्होंने कहा था कि मंदिरों से बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी भारत की समस्याओं का हल नहीं होगा। हमारे देश में बेरोजगारी, महंगाई और शिक्षा जैसी समस्याएं हैं। इनके बारे में कोई बात नहीं करता।
Rajneesh kumar tiwari