रांची। रांची में एक पुराने मामले की जांच कर रही ईडी को बड़ी सफलता मिली है। रेड में झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव के घर पर काम करने वाले नौकर के यहां से भारी संख्या में कैश बरामद हुआ है। हैरानी वाली बात यह है कि महज 15 हजार महीने की सैलरी वाले इस नौकर के यहां 20 से 30 करोड़ का कैस मिला है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने झारखंड की राजधानी रांची के विभिन्न इलाकों में छापेमारी की। इस दौरान वीरेंद्र राम मामले में झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के घरेलू नौकर के यहां छापा मारा। जांच एजेंसी को बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि एक नौकर के यहां बेशुमार दौलत हाथ लग जाएगी। बता दें कि ईडी ने पिछले साल फरवरी में झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र के. राम के यहां 10 हजार रुपये की रिश्वत के मामले में छापेमारी की थी। इस दौरान उनका बयान दर्ज किया गया। उन्होंने बताया था कि मिनिस्टर के यहां रिश्वत का पैसा पहुंचाया जाता है। उसके बाद झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का नाम पहली बार सामने आया था। इस जांच के दौरान ही आलमगीर के निजी सचिव संजीव लाल का नाम सामने आया।
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संजीव लाल से हुई थी लंबी पूछताछ
लंबे समय तक पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था। पूछताछ में ईडी के सामने वीरेंद्र राम ने कई बड़े व्यक्तियों के साथ अपने संबंधों का भी खुलासा किया। जानकारी के अनुसार राम के यहां 150 करोड़ की संपत्ति मिली थी। इस छापेमारी के दौरान उनके पास से बरामद दस्तावेजों के आधार पर वीरेंद्र राम से एजेंसी ने दो दिनों तक पूछताछ की थी। अब संजीव राम के नौकर के यहां छापेमारी हुई है। यहां से भारी मात्रा में नकदी बरामद की गई। नोट गिनने की मशीन को संजीव लाल के घर पर लाई गई है। बता दें कि अबतक 20 करोड़ से ज्यादा रुपये की गिनती हो चुकी है। अधिकारियों ने बताया कि गिनती अभी भी जारी है। सूत्रों के अनुसार नकद राशि 500 के नोटों में बरामद की गई।
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निशिकांत दूबे का पलटवार
दूसरी ओर इस मामले को लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने गोड्डा से कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि 30 करोड़ रुपए से अधिक और काउंटिंग जारी है। संजीव लाल के आवास पर ईडी को सफलता मिली है। बता दें कि आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा से कांग्रेस के चार बार विधायक रहे हैं। फिलहाल वे झारखंड सरकार में संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास मंत्री हैं। इससे पहले आलमगीर आलम 20 अक्टूबर 2006 से 12 दिसंबर 2009 तक झारखंड विधानसभा अध्यक्ष भी रहे थे। आलमगीर ने सरपंच का चुनाव जीतकर राजनीतिक पारी शुरू की थी। 2000 में पहली बार वह विधायक बने और तब से लेकर अभी तक 4 बार विधायक बन चुके हैं।
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धीरज साहू के यहां से मिला था कैस
बता दें कि बीते साल दिसंबर में भी झारखंड में भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ था। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और कारोबारी धीरज साहू के ठिकानों से इनकम टैक्स विभाग ने 350 करोड़ से ज्यादा कैश बरामद किया था। इस पर उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि छापेमारी में जो कैश बरामद किया गया है, वो मेरी शराब की कंपनियों का है। शराब का कारोबार नकदी में ही होता है और इसका कांग्रेस पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है।
Rajneesh kumar tiwari