जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। जीवन की उत्तपत्ति को लेकर वैज्ञानिकों ने चौंकाने वाली थ्योरी पेश की है। उनका मानना है कि पृथ्वी पर नहीं बल्कि ब्रह्माण्ड में जीवन की शुरुआत हुई थी। वैज्ञानिकों को इसके सबूत मिले हैं। लंबे समय से वैज्ञानिक मानते आ रहे हैं पृथ्वी पर खास हालात में ही जीवन के जरूरी तत्वों का निर्माण हुआ था। पूरे ब्रह्माण्ड में पृथ्वी ही ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन है। कई कोशिशों के बाद भी अन्य ग्रहों पर जीवन के संकेत नहीं मिले। अब नासा समेत दूसरे विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के नए शोध ने आशा की नई किरण जताई है। नए अध्ययन में पता चला है कि ब्रह्माण्ड में बहुत सारी ऐसी जगहें हैं जहां जीवन के तत्व हो सकते है। धूमकेतु, क्षुद्रग्रहों आदि से मिले नमूनों से पता चला हैकि जीवन को बनाने वाले प्रमुख जैविक तत्व पूरे स्पेस में फैले हैं। नया शोध इस ओर इशारा कर रहा है कि जैविक अणु स्पेस के हर कोने में देखे जा सकते हैं। जिससे पता चलता है कि हमारा खुद का जीवन विकास एक बड़ी खगोलिए कहानी का हिस्सा हो सकता है। वैज्ञानिक देख रहे हैं कि अंतरतारकीय धूल हो, धूमकेतु हों या कि क्षुद्रग्रह सभी जगह कई प्रकार के जैविक अणु देखने को मिल रहें हैं। बता दें कि ब्रह्माण्ड में जीवन की खोज मिशन की शुरूआत यूरोपीय गिओयो स्पेसक्राफ्ट से 1986 में हुई थी। जब उसने दो साल तक हैली धूमकेतु का सबसे पहले विश्लेषण किया था। उसके कोमा में बहुत से जैविक तत्वों जैसे अणुओं के होने के संकेत मिले थे। उन्हें शुरूआती सौरमंडल में कार्बन युक्त तत्वों के होने के संकेत भी मिले। इसके बाद 2015 में 67 पी धूमकेतु में भी प्रोटीन को बनाने वाले मूल तत्व ग्लाइसीन मिले थे। वैज्ञानिकों के अध्ययन का यह सिलसिल जारी रहा। इसके बाद 2022 में स्पेक्ट्रओमेट्री के जरिए रोसेटा आंकड़ों में डाइमिथाइल सल्फाइड सहित 44 अणु मिले।
जापान के हायाबुसा 2 के शोध में भी अंतरिक्ष में जीवन के कण मिले थे। अब नासा के ओसाइसिर रेक्स अभियान में पुरातन क्षुद्रग्रहों की चट्टानों में बहुत से जैविक तत्व मिले हैं। जिनमें करीब 15 अमीनो एसिड शामिल हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे पता चलता है कि पृथ्वी से पहले ब्रह्माण्ड में कुछ ग्रहों पर जीवन की शुरुआत हो चुकी थी। बता दें कि ये जैविक समृद्ध चट्टानें उस दौर की हैं जब सौरमंडल बन रहा था। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह पड़ताल हमें हमारे मूल उद्गम तक पहुंचा सकती है। यह बता सकती है कि दूसरी दुनिया की शुरूआत कैसे हो सकती है। दिलचस्प बात ये है कि खगोलविदों ने पाया कि पीएएच बिग बैंग के 1.5 अरब साल बाद बन गए थे। वैज्ञानिकों ने तारों के बीच के स्पेस में ऐसे 200 कार्बन के पदार्थों का पता लगाया है। इस शोध से साफ हो चुका है कि ब्रह्माण्ड में अकेले पृथ्वी ही नहीं बल्कि अन्य ग्रह भी हैं जहां जीवन की शुरुआत हो सकती है। बृहस्पति के यूरोपा के लिए गए क्लिपर जैसे अभियान इस दिशा में ठोस जवाब ला सकते हैं। वहां बर्फ की सतह के नीचे एक महासागर में जीवन के लिए हालात मिलने की संभावना है।
Rajneesh kumar tiwari