जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। पृथ्वी के पड़ोस में तबाही मचने वाली है। दो तारे टकराकर ब्रह्मांडीय इतिहास रचने वाले हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह विस्फोट चांद से 10 गुना तेज चमकेगा। वैज्ञानिकों ने महज 150 प्रकाश-वर्ष दूर दो सफेद बौने तारों की एक दुर्लभ जोड़ी खोजी है। आने वाले सालों में ये दोनों तारे आपस में टकराएंगे। इसके बाद एक विनाशकारी टाइप 1 ए सुपरनोवा विस्फोट में बदल जाएंगे। यह विस्फोट इतना चमकदार होगा कि यह चंद्रमा से 10 गुना अधिक रोशनी फैलाएगा। पूरी आकाशगंगा को कुछ पल के लिए चमकने लगेगी। इस खोज को नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में प्रकाशित किया गया है। बता दें कि यह दो सफेद बौने तारों का एक बाइनरी सिस्टम है, जो धीरे-धीरे एक-दूसरे की ओर खिंच रहे हैं। इनका कुल द्रव्यमान हमारे सूरज से लगभग 1.50 गुना अधिक है। यह द्रव्यमान ही इन तारों को 1 ए सुपरनोवा में बदल देगा। अभी ये तारे 14 घंटे में एक चक्कर पूरा करते हैं। वहीं जब इन दोनों की आपस में टकराहट होगी तो इनकी गति इतनी तेज होगी कि 30-40 सेकंड में एक परिक्रमा पूरी कर लेंगे। यह एक विशेष प्रकार का सुपरनोवा है, जो तब होता है जब एक सफेद बौना तारा अपने साथी तारे से अत्यधिक द्रव्यमान खींच लेता है। इसके बाद दोनों तारों में टकराव हो जाता है। बता दें कि यह विस्फोट इतना शक्तिशाली होता है कि पूरी आकाशगंगा को कुछ समय के लिए चमका देता है। हमारी मिल्की वे आकाशगंगा में ऐसा विस्फोट हर 500 साल में एक बार होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह विस्फोट चार चरणों में होगा। पहला चरण में एक तारा दूसरे से द्रव्यमान खींचेगा और उसकी सतह पर विस्फोट होगा। वहीं दूसरे चरण में पहले तारे का कोर फटेगा और पदार्थ हर दिशा में फैल जाएगा। इसी तरह तीसरे चरण में यह पदार्थ दूसरे तारे से टकराएगा और दोबारा विस्फोट करेगा। वहीं अंतिम विस्फोट में दोनों तारे पूरी तरह नष्ट हो जाएंगे और एक चमकदार सुपरनोवा बन जाएगा। प्रकाशित लेख के अनुसार वैज्ञानिकों का मानना है कि इस विस्फोट की ऊर्जा मानव निर्मित सबसे शक्तिशाली परमाणु बम से हजार ट्रिलियन गुना अधिक होगी। राहत वाली बात यह है कि इससे पृथ्वी को कोई नुकसान नहीं होगा। इसका कारण है कि यह पृथ्वी से इतना दूर है कि हमें कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा। वहीं आकाश में जुपिटर से 2 लाख गुना ज्यादा चमकदार दिखेगा।
Rajneesh kumar tiwari