जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत अपनी पनडुब्बी से मिसाइल फायरिंग का टेस्ट करने जा रहा है। इस बात से चीन इतना बौखला गया कि उसने जासूसी के लिए अपना सबसे ताकतवर विमान उतार दिया है। यह परीक्षण वाली जगह से महज 120 मील की दूरी से निगरानी कर रहा है। भारत समुद्र में अपनी ताकत बढ़ाने में लगा हुआ है। भारत की होड़ अब पाकिस्तान नहीं चीन से है। ऐसे में भारत में कई तरह के परीक्षण कर रहा है। इसी क्रम में पनडुब्बी से मिसाइल फायरिंग का टेस्ट किया जा रहा है। इससे भारत अपने दुश्मन देश की पनडुब्बियों को पलभर में खाक कर देगा। भारत के इस परीक्षण से चीन बेहद डरा हुआ है। ऐसे में उसकी चालबाजी एक बार फिर सामने आई है। चीन ने अपने जासूसी जहाज जियांग यांग होंग 03 को हिंद महासागर में भेजा है। चीन इस जहाज को रिसर्च जहाज बताता है। लेकिन कई बार देखा गया है कि यह जासूसी में इस्तेमाल होता है। लेकिन चीन की ओर से इस जहाज को भेजने की टाइमिंग बेहद खास है। जहाज को ऐसे समय पर भेजा गया है जब भारतीय नेवी सब सरफेस फायरिंग करने वाला है। चीन का जासूसी जहाज मिसाइल फायरिंग वाले इलाके से 222 किमी की दूरी पर है। ओपन सोर्स इंटेलिजेंस रिसर्चर डेमियन साइमन ने एक ग्राफिक्स शेयर कर इसकी जानकारी दी है। इसमें उन्होंने बताया कि बंगाल की खाड़ी में लगभग 595 किमी के एरिया में भारतीय नौसेना सब सरफेस फायरिंग अभ्यास करने वाला है। चीन का समुद्री रिसर्च पोत जियांग यांग होंग 03 वर्तमान में बंगाल की खाड़ी में जा रहा है। यह अभ्यास वाली जगह से 120 समुद्री मील यानी 222 किमी की दूरी पर चल रहा है। मान जा रहा है कि चीन ने इसे जानकारी इकट्ठा करने के लिए भेजा होगा। बता दें कि यह चीन पहली हरकत नहीं है। इससे पहले भी जब भारत को मिसाइल लांच करना था तब भी चीन ने अपने जासूसी जहाजों को भेजा था। मार्च में भारत की ओर से ओडिशा तट पर मिसाइल लॉन्च के लिए अलार्म जारी किया गया था। इसके कुछ दिनों बाद एक चीनी रिसर्च जहाज भारत के पूर्वी समुद्री तट पर पहुंच गया। इसके बाद अग्नि पांच मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। पीएम मोदी ने एक्स पर इसकी पुष्टि की थी। तब चीन ने जियान यांग होंग-1 जासूसी जहाज को भेजा था। चीन के ये कथित रिसर्च जहाज जासूसी के लिए इस्तेमाल होते हैं। चीन का कहना है कि वह इनके जरिए समुद्र का शोध कर रहा है। लेकिन एक्सपर्ट्स वॉर्निंग दे चुके हैं कि इस जहाज में सैन्य ग्रेड के उपकरण लगे हो सकते हैं। यह समुद्र की मैपिंग कर सकता हैं जो भारत के साथ युद्ध में चीनी पनडुब्बियों को फायदा पहुंचाएगा। पहले यह जहाज श्रीलंका के बंदरगाह पर रुकते थे। लेकिन भारत के विरोध के बाद श्रीलंका ने इसे अपने तट पर रुकने से मना कर दिया। भारत से तनाव के बीच मालदीव ने चीन के जासूसी जहाज को अपने तट पर रुकने दिया। अप्रैल में यह जहाज दूसरी बार मालदीव के तट पर रुका था।
Rajneesh kumar tiwari