जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत के पास रूस से महाविनाशक जंगी जहाज आ रहा है। यह जहाज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस है। इसमें जहाज-रोधी और जमीन पर हमला करने की क्षमता है। समंदर में इसकी ताकत के आगे चीन के युद्धपोत पानी मांगेगे। भारतीय नौसेना की ताकत में जल्द बड़ा इजाफा होने जा रहा है। भारत के लिए रूस में दो तलवार-क्लास स्टील्थ जंगी जहाज तैयार किए जा रहे हैं। जिनमें से एक इसी महीने नौसेना को मिलने वाला है। ये जहाज सुपरसोनिक मिसाइलों से लैस है। बता दें कि मास्को और नई दिल्ली ने 2018 में इन युद्धपोतों को लेकर समझौता हुआ था। जिसके तहत रूस चार जंगी जहाज भारत को देगा। इनमें से दो जहाज का निर्माण रूस में होना है, जबकि बाकी दो मेक इन इंडिया पहले के तहत भारत में बनाएं जाएंगे। रूसी समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती ने बताया कि ये युद्धपोत ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस हैं। जिन्हें भारत और रूस ने मिलकर विकसित और निर्मित किया है। दूसरा जंगी जहाज अगले साल फरवरी तक मिलेगा। तीसरे और चौथे जहाज का निर्माण भारत में होना है, जो क्रमश: 2026 और अगले छह महीने बाद नौसेना को सौंपे जाएंगे। बता दें कि ब्रह्मोस एक क्रूज मिसाइल है, जिसमें जहाज-रोधी और जमीन पर हमला करने की क्षमता है। इसकी रेंज 290 किलोमीटर है। समुद्र तल पर 1235 किलोमीटर प्रति घंटे की सुपरसोनिक स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम है। भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का निर्यात भी शुरू किया है। दक्षिणी चीन सागर में चीन के साथ समुद्री विवाद में उलझे फिलीपींस को इसी अप्रैल में ब्रह्मोस मिसाइल की पहली खेप मिली थी। मनीला ने ब्रह्मोस को गेम-चेंजर बताया है। अब इस खतरनाक मिसाइल के युद्धपोत में लगने से भारत की मारक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। भारत को मिलने वाले तलवार क्लास के युद्धपोत का वजन 3800 टन से अधिक है। यह दुश्मन के सतही जहाजों और पनडुब्बियों पर हमला करने के साथ ही हवाई खतरों का मुकाबला करने में सक्षम है। यह जंगी जहाज नौसेना की तोप, जहाजरोधी और वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों और टारपीडो से लैस है। यह एक स्टील्थ युद्धपोत है। यानी इसे रडार से ट्रैक करना मुश्किल है। इसमें पानी के नीचे का शोर बेहद कम होता है। इससे पनडुब्बियां इनका जल्दी पता नहीं लगा सकतीं। जहाज गैस टरबाइन इंजन के जरिए चलता है। भारत को इस युद्धपोत की सख्त जरुरत थी, क्योंकि बीजिंग के युद्धपोतों के बेड़े के विस्तार ने नई दिल्ली को चिंतित किया है। चीनी नौसेना ने हिंद महासागर में अपनी गतिविधि बढ़ाई है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसे भारत अपने बैकयार्ड के रूप में देखता है। चीन की सेना इस समय दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है, जिसके पास 370 जहाज हैं। चीन के पास तीन विमानवाहक पोत हैं। ऐसे में भारत को चीन का मुकाबला करने के लिए अपने जंगी बेड़े को मजबूत करने की जरूरत महसूस हो रही है।
Rajneesh kumar tiwari