जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। बाइडन सरकार ने कार्यकाल के अंतिम दो महीनों में भयानक फैसला लिया है। यह तीसरे विश्व युद्ध का आगाज माना जा रहा है। अमेरिका ने यूक्रेन को आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है। इससे यूके्रन रूस पर लंबी दूरी की मिसाइल से हमला करेगा। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को ढाई साल से ज्यादा हो चुके हैं। दोनों देशों के बीच का अब यह युद्ध जल्द ही बढ़ सकता है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन यूक्रेन को रूस के अंदर तक हमला करने की इजाजत दे दी है। लंबी दूरी के इन मिसाइल हमलों से युद्ध की दिशा बदल सकती है। बता दें कि युद्ध न बढ़े इसलिए अमेरिका इसके इस्तेमाल की इजाजत नहीं देता था। अब पॉलिसी में हुए इस बदलाव ने पूरी दुनिया को डरा दिया है। साथ ही इस बात पर सवाल उठ रहे हैं कि बाइडन ने यह फैसला अपने कार्यकाल के अंतिम दो महीनों में क्यों लिया? कीव पिछले एक साल से रूस की ओर से कब्जाए गए यूक्रेनी इलाकों पर एटीएसीएमएस से हमला करता रहा है। कई बार रूस के कुछ इलाकों में भी इन्हें इस्तेमाल किया था, लेकिन व्यापक रूप में हमला न कर पाने के कारण युद्ध में यूक्रेन पिछड़ रहा था। यूक्रेन का तर्क था कि अगर वह रूस में हमला नहीं कर सकता तो यह एक हाथ से लड़ने जैसा है। वहीं उत्तर कोरियाई सैनिकों के रूस में आने के बाद यूक्रेन और भी कमजोर पड़ने लगा था। अब बाइडन प्रशासन के बड़े फैसले से यूक्रेन रूस के भीतर घुसकर हमला करेगा। माना जा रहा है कि बाइडन व्हाइट हाउस छोड़ने से पहले यूक्रेन को हर तरह की मदद देना चाहते हैं। बता दें कि आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है। यह 300 किलोमीटर तक के टार्गेट पर हमला करने में सक्षम है। लॉकहीड मार्टिन ने इसे बनाया है। इन्हें एम 270 मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम या फिर पहिएदार एम 142 हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम से दागा जाता है। हर मिसाइल की कीमत 15 लाख डॉलर यानी 12 करोड़ 66 लाख रुपए है। इसमें ठोस ईंधन होता है। इसमें क्लस्टर बम समेत कई तरह के हथियार लगाए जा सकते हैं। अमेरिकी सेना नई पीढ़ी के हथियार से इसे बदल रही है, जिसकी रेंज 500 किलोमीटर है। इस इजाजत के बाद अब यूक्रेन रूस के अंदर तक के टार्गेट पर हमला करने में सक्षम होगा। सबसे पहले इसका इस्तेमाल कुर्स्क में किया जाएगा। यहां यूक्रेन ने कब्जा किया हुआ है। रूस फिर इस इलाके को हासिल करने में लगा है। नई मिसाइल से यूक्रेन अब रूस के सैन्य ठिकानों, बुनियादी ढांचे और गोला-बारूद भंडार को निशाना बना सकता है। नई मिसाइल के हमले से बचने के लिए रूस ने भी बड़ा निर्णय लिया है। रूस ने पहले ही अपने जेट और सैन्य उपकरण बेस में शिफ्ट कर दिए हैं। रूस का यह फैसला उसके सैनिकों को मुश्किल में डाल देगा। इससे सप्लाई या हवाई सहायता पहुंचने में समय लगेगा।
Rajneesh kumar tiwari