जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। चीन के फाइटर जेट जे-35 एक के बाद अब रूस उससे ज्यादा ताकतवर अदृश्य लड़ाकू विमान बना रहा है। सुखोई-75 अमेरिकी के एफ-35 जेट को कड़ी टक्कर देगा। वहीं इस विमान को लेकर रूस ने भारत को बड़ा आफर भी दे दिया है। चीन में हाल ही में हुए झुहाई एयरशो में रूस के पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट सुखोई-57 ने अपनी कलाबाजियों से दुनिया का दिल जीत लिया। यह लड़ाकू विमान स्टील्थ तकनीक से लैस होने की वजह से रेडार की पकड़ में नहीं आता है। इसी वजह से यह एक तरह से अदृश्य होता है। दुश्मन के लिए इसे मार गिराना आसान नहीं होता है। रूस ने ऐलान किया है कि वह अब एक नए स्टील्थ फाइटर जेट सुखोई-75 पर बहुत तेजी से काम कर रहा है। रूस की सरकारी कंपनी यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कापोर्रेशन ने कहा कि सुखोई-75 चेकमेट अब एडवांस्ड स्टेज में है। उन्होंने कहा कि इस विमान को दुनिया के अन्य देशों को निर्यात भी किया जा सकेगा। रूस इस सुखोई-75 को भारत को बेचना चाहता है। रूस की समाचार एजेंसी तास के मुताबिक रूसी कंपनी के अधिकारी सर्गेई कोरोटकोव ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पांचवीं पीढ़ी का सिंगल इंजन फाइटर जेट सुखोई-75 पांचवीं पीढ़ी का है और अपने विकास के अग्रिम चरण में है। कोरोटकोव ने कहा, 'विदेशी भागीदारी में कई ऐसे हैं जो इस फाइटर जेट को खरीदने पर विचार कर रहे हैं। कंपनी अभी इस विमान का विकास कर रही है और हमारी राय है कि बाजार में इस तरह के फाइटर की काफी जरूरत है। यह विमान अपने उन्नत चरण में है। सुखोई-75 एक हल्का फाइटर जेट है जिसे सबसे पहले रूस के मैक-2021 एयर शो में पेश किया गया था। वहीं साल 2021 इसे सबसे पहले यूएई के दुबई एयरशो में पेश किया गया था। कोरोटकोव का यह बयान ऐसे समय पर आया है। जब रूस की कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट ने हाल ही में ऐलान किया था कि उसे सुखोई-57 फाइटर जेट के लिए पहला कस्टमर मिल गया है। बताया जा रहा है कि यह अफ्रीकी देश अल्जीरिया हो सकता है। इस तरह से अब रूस के पास दो स्टील्थ फाइटर जेट हो जाएंगे। वह अमेरिका तथा चीन की बराबरी कर लेगा। यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस इसे जल्द से जल्द बनाना चाहता है लेकिन उसे अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से दिक्कत हो रही है। विश्लेषकों का कहना है कि साल 2025 से पहले रूसी विमान का प्रोटोटाइप उड़ान नहीं भर पाएगा। रूस इसे अमेरिका के एफ-35 की तरह से इसे दुनियाभर में बेचकर पैसे कमाना चाहता है। पहले आई रिपोर्टों के मुताबिक रूस ने सुखोई-75 के लिए यूएई के साथ गठजोड़ करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि अभी तक कोई अंतिम सौदा हुआ नहीं है। रूस यूएई के अलावा इसे भारत को बेचना चाहता है। भारत ने सुखोई के पहले भी बहुत बड़े पैमाने पर विमान खरीदे हैं। ऐसे में रूस इसे भारत को बेचकर कमाई करना चाहता है। साल 2023 में रूस ने भारत को साथ लाने के लिए प्रयास भी किए थे। इससे पहले भारत रूस के सुखोई-57 फाइटर जेट प्रोग्राम से पीछे हट गया था जिससे रूस को झटका लगा था। भारत ने तकनीक देने की मांग की थी। अब भारत देखो और इंतजार करने की नीति पर काम कर रहा है। अब रूस ने भारत को सुखोई- 75 की तकनीक और प्रोडक्शन लाइन देने का आॅफर कर दिया है। वह भारत के रास्ते दुनिया को सुखोई-75 बेचना चाहता है।
Rajneesh kumar tiwari