नीट परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों को बड़ी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने परीक्षा परिणाम में अनियमितता को देखते हुए एनटीए को ग्रेस मार्क्स रद्द करने और नीट परीक्षा फिर से आयोजित करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से छात्रों में खुशी लहर है।
67 छात्रों को 720 में से 720 मार्क्स
नीट परीक्षा में धांधली को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। छात्रों ने मांग की थी कि परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों की जांच एसआईटी से कराई जाए और परीक्षा रद्द कर दोबारा परीक्षा करवाई जाए। दरअसल, नीट के परीक्षा परिणाम में 67 छात्रों को 720 में से 720 मार्क्स दिए गए थे। जब एनटीए से इस पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसके पीछे की वजह ग्रेस मार्क्स बताया। एनटीए ने कहा कि कुछ परीक्षा केंद्रों पर लॉस आॅफ टाइम की वजह से कुल 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं जिसकी वजह से 44 छात्रों के मार्क्स 720 हो गए।
23 जून को दोबारा होगा एग्जाम
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को ग्रेस मार्क्स रद्द करने का निर्देश दिया। साथ ही ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 छात्रों की दोबारा परीक्षा करवाने का आदेश दिया। इन छात्रों का 23 जून को दोबारा एग्जाम होगा और 30 जून को इसका रिजल्ट घोषित होने की उम्मीद है। जिन छात्रों को एनटीए की तरफ से ग्रेस मार्क्स मिले हैं उन्हें दो आॅप्शन दिए गए हैं। पहला यह कि छात्र 23 जून को होने वाले री-एग्जाम में बैठकर दोबारा परीक्षा दे सकते हैं। दूसरा यह कि वे ग्रेस मार्क्स वाले पुराने स्कोर के साथ काउंसलिंग की तरफ बढ़ सकते हैं।
4 जून को रिजल्ट हुआ था जारी
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान साफ किया कि नीट की काउंसलिंग पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। बता दें कि एनटीए ने 5 मई को हुई नीट परीक्षा का 4 जून को रिजल्ट जारी किया था। जिसमें 67 बच्चों को 720 में 720 नंबर मिला था। वहीं, 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क दिए गए थे। यह ग्रेस मार्ककोई 10 या 20 नंबर का नहीं था, बल्कि 100 से 150 नंबर तक था। अधिक ग्रेस मार्कमिलने की वजह से बहुत से छात्र जो मेरिट लिस्ट से बाहर थे वे मेरिट में आ गए। वहीं ऐसे छात्र जो मेरिट लिस्ट में थे उनके लिए गवर्नमेंट कॉलेज में एडमिशन पाना मुश्किल हो गया।
रिजल्ट घोषित होने के बाद हंगामा
नीट का रिजल्ट घोषित होने के बाद देश भर में हंगामा खड़ा हो गया। गुस्साए छात्रों ने दिल्ली समेत कई राज्यों में एनटीए के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। छात्रों ने गे्रस मार्कदिए जाने पर एनटीए चोर है, परीक्षा रद्द करो और पेपर लीक बंद करो जैसे पोस्टर लेकर जगह-जगह हंगामा किया। छात्रों ने बिहार और राजस्थान के परीक्षा केंद्रों पर पेपर लीक होने और गड़बड़ी की शिकायत की। हालांकि, शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेपर लीक के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने एनटीए पर भ्रष्टाचार के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि यह एक विश्वसनीय संस्था है।
Arun kumar baranwal