संवाददाता, नोएडा। दिसंबर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुरू होने से पहले बड़ी खुशखबरी मिली है। एयरपोर्ट के पास जल्द पायलट और क्रु मेंबर ट्रेनिंग सेंटर खुलेगा। इससे नए पायलटों को यहीं पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इंडिगो इस सेंटर की शुरुआत करेगी। इसके लिए कंपनी को यमुना प्राधिकरण जमीन दे रही है। इंडिगो एयरलाइंस ने जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कर रही जूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट से करार किया है। जिसके तहत इंडिगो एयरलाइंस जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को अपना बेस बनाएगी। अब एयरलाइंस ने अपनी महत्वाकांक्षी विस्तार योजना की घोषणा की है। कंपनी जेवर में अपना नया हब स्थापित करेगी। साथ ही चरणबद्ध तरीके से अपनी उड़ानों का विस्तार करेगी। यह जानकारी यमुना अथारिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने दी है। यमुना अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि इंडिगो एयरलाइंस जेवर एयरपोर्ट शुरू होते ही पहले चरण में 25 विमान शुरू करेगी। अगले तीन चरणों में प्रत्येक में 25 और विमान जोड़े जाएंगे। इस तरह 6 से 8 महीनों के भीतर लगभग 75 विमान संचालन में होंगे। उन्होंने बताया कि नोएडा एयरपोर्ट के पास एविएशन इंस्टिट्यूट भी बनाया जाएगा। इसके लिए इंडिगो के अधिकारियों ने यमुना अथारिटी पहुंचकर अपना प्रस्ताव दिया। एविएशन कंपनी ने एयरपोर्ट के पास इंस्टिटयूट खोलने के लिए सात एकड़ जमीन मांगी है। कंपनी ने परिसर से बाहर उससे सटी जमीन की मांग की है। अरुणवीर सिंह ने बताया कि यमुना अथारिटी के अधिकारियों ने विमान कंपनी को तीन जगह जमीन दिखाई। एक जगह जमीन पसंद आने के साथ उसे फाइनल कर दिया गया है। कंपनी को सेक्टर-29 में भूमि दी जाएगी। जल्द ही जमीन देने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इंडिगो के इस एविएशन इंस्टिट्यूट में नए पायलटों की ट्रेनिंग, विमान रखरखाव और इंजीनियरिंग जैसे कई कोर्स शुरू होंगे। सीईओ ने आगे बताया कि इस सप्ताह के अंत तक इस योजना पर अंतिम निर्णय होने की उम्मीद है। यह कदम इंडिगो के लिए एक बड़ा विस्तार होगा और भारतीय विमानन क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा। बता दें कि जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, जिसे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नाम से जाना जाता है। यह परियोजना भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। पूर्ण विकास के बाद यह हवाई अड्डा प्रति वर्ष लगभग 7-8 करोड़ यात्रियों को संभाल सकेगा। यह परियोजना क्षेत्र में रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी। करीब 25,000 करोड़ रुपये के निवेश से इसका निर्माण चल रहा है। हवाई अड्डे को पर्यावरण के अनुकूल डिजाइन किया गया है। इसमें सौर ऊर्जा का उपयोग और जल संरक्षण शामिल है। हवाई अड्डा सड़क, रेल और मेट्रो से जुड़ा होगा। यह यात्रियों के लिए सुलभ होगा। यह विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ एक अत्याधुनिक हवाई अड्डा होगा।
Rajneesh kumar tiwari