जनप्रवाद संवाददाता, नोएडा। देश के सबसे बड़े नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास अब विकास की झड़ी लग जाएगी। यहां यूपी और एनसीआर का सबसे बड़ा हैबिटेट सेंटर बनेगा। इसके अलावा कन्वेंशन सेंटर भी बनाया जाएगा। इसकी घोषणा यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ ने की है। यह दिल्ली के हैबिटेट सेंटर से तीन गुना बड़ा होगा। जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास बहुमुखी विकास हो रहा है। वहां पर आज किसी भी चीज की कमी नहीं है। अब एक बड़ा फैसला लिया गया है। देश के सबसे बड़े नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास उत्तर प्रदेश और एनसीआर का सबसे बड़ा हैबिटेट सेंटर बनाया जाएगा। यह 25 एकड़ में विकसित किया जाएगा। यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने इस योजना की पूरी जानकारी हमारे संवाददाता कैलाश चंद से साझा की। उन्होंने बताया कि हैबिटेट सेंटर को मंजूरी मिल चुकी है। जल्द ही कन्वेंशन सेंटर को भी मंजूरी मिलने की उम्मीद है। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉक्टर अरुण वीर सिंह ने बताया कि हुडको भारत सरकार की एक संस्था है, जो लोन देती है। यमुना प्राधिकरण ने हुडको के साथ एक समझौता साइन किया है। समझौते में लिखा है कि अगले 5 सालों में करीब 40 गांव में 18,000 हैकटेयर जमीन खरीदी जाएगी। उसमें 57,000 करोड़ रुपये का विकास कार्य किया जाएगा। इसके लिए जो पैसे की आवश्यकता होगी उसमें राज्य सरकार की तरफ से मदद दी जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने 3,300 करोड़ रुपये का लोन ब्याज मुक्त दिया है। इसके अलावा बाकी पैसा हुडको द्वारा दिया जाएगा। शुरूआत में करीब 10,000 करोड़ रुपये हुडको की तरफ से यमुना प्राधिकरण को दिए जाएंगे। इससे यमुना प्राधिकरण क्षेत्र की किस्मत बदल जाएगी। उन्होंने बतायाकि अधिकांश शहरों में देखा जाता है कि पानी की पाइपलाइन बचाने के लिए सीवर तोड़ दी जाती है या फिर कोई और लाइन बिछाने के लिए दूसरी चीज प्रभावित होती है, लेकिन यमुना सिटी ऐसा नहीं होगा। इन सभी चीजों को लेकर हुडको के द्वारा प्लानिंग तैयार की जाएगी। एक ही पाइप में पूरा कॉरिडोर होगा। जिसमें सभी लाइन होगी। ऐसे विकास कार्यों से जुड़े काम हुडको और यमुना प्राधिकरण साथ मिलकर करेगी। इससे फायदा यह होगा कि सारे काम करने के लिए ज्यादा समय नहीं लगेगा। सेक्टर को विकसित करने में सालों का समय न लगकर महीना में तैयार हो जाएगा। डाक्टर अरुण वीर सिंह ने आगे बताया कि हैबिटेट सेंटर बनाने के लिए यमुना प्राधिकरण को हुडको लोन देगा। इस लोन का यमुना प्राधिकरण 10 साल के भीतर वापस जमा करेगा। उन्होंने बताया कि एनबीसीसी को बिल्डिंग बनाने का जिम्मा दिया जायेगा। जबकि सेंटर के लिए यमुना प्राधिकरण जमीन देगा।
Rajneesh kumar tiwari