जनप्रवाद संवाददाता, नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की अब बेहद खास हो जाएगा। यमुना प्राधिकरण ने मास्टर प्लान में बड़े बदलाव का प्रस्ताव पास किया है। ऐसे में यहा जानकर हैरानी हो रही है कि एयरपोर्ट का काम अंतिम चरण में चल रहा है फिर क्यों इतना बड़ा बदलाव किया गया। जानने के लिए देखिए हमारे संवाददाता कैलाश चंद की खास रिपोर्ट। येडा सिटी में बनने वाले जेवर एयरपोर्ट के मास्टर प्लान में बड़ा बदलाव किया गया है। इससे एयरपोर्ट का क्षेत्रफल अब 5 प्रतिशत और बढ़ा दिया गया है। इससे अब रनवे की संख्या 6 हो जाएगी। पहले दो रनवे के बीच की दूरी 1600 मीटर रखी गई थी। अब 5 प्रतिशत मास्टर प्लान में वृद्धि होने के कारण अब दो रनवे के बीच की दूरी 2400 मीटर हो जाएगी। खास बात यह रहेगी की सभी रनवे रेलवे और रोड से कनेक्ट किए जाएंगे। जिससे आने वाले यात्री रेल और बस सुविधा से अपने ही रनवे पर उतरेंगे। यमुना प्राधिकरण के सीईओ रणवीर सिंह ने हमारे संवाददाता को बताया कि यह एयरपोर्ट दुनिया के तीसरे नंबर का एयरपोर्ट होगा। दुनिया में चुनिंदा एयरपोर्ट ही हैं जिनके पास इतने रनवे हैं। उन्होंने बीजिंग और इस्तांबुल एयरपोर्ट का उदाहरण देते हुए इसे 2400 मीटर करने का सुझाव दिया गया है। इससे एयरपोर्ट पर यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिल सकेगी। बता दें कि एयरपोर्ट के निर्माण का पहला चरण 1334 हेक्टेयर में चल रहा है। इसमें दो रनवे और दो टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। दिसंबर 2024 में विमानों की उड़ान शुरू होने की संभावना है। एक रनवे और एक टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है। साल 2025 में दूसरे रनवे के निर्माण की भी योजना बनाई गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को निर्माणाधीन कंपनी ज्यूरिख को 40 साल की लीज पर दिया गया है। संभावना यह है कि इसे अतिरिक्त 30 साल के लिए बढ़ाया भी जा सकता है। इस एयरपोर्ट में जो भी आय-व्यय होगा वह ज्यूरिख का ही होगा। इसमें सिर्फ418 रुपये प्रति यात्री के हिसाब से नायल कंपनी को मिलेगा। सूत्रों की मानें तो उक्त 418 रुपये प्रति यात्री में भी विभाजन होगा। जिसमें 12.5 और 12.5 प्रतिशत क्रमश: यमुना प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का हिस्सा होगा। इसके अलावा 37.5 और 37.5 प्रतिशत क्रमश: नोएडा प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश सरकार का हिस्सा होगा।
Rajneesh kumar tiwari