संवाददाता, सभल। संभल जिले में शिक्षा विभाग ने नई पहल शुरू की है। इसके तहत परिषदीय विद्यालयों में अब पुरातन संस्कृति के अनुसार बच्चे व्यवहार करेंगे। अब विद्यालय में बच्चे महिला शिक्षकों को मैडम की जगह दीदी या बहन जी कहकर बुलाएंगे। वहीं पुरुष शिक्षकों को गुरुजी कहेंगे। साथ ही अभिवादन में नमस्ते या जय हिंद कहेंगे। यूपी के संभल जिले के डीएम राजेंद्र पेंसिया ने सरकारी परिषदीय स्कूलों के लिए नई पहल की है। डीएम के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने इसका आदेश भी जारी कर दिया है। यह पहल काफी चर्चा में है। आदेश के अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयो में छात्र अब महिला शिक्षकों को मैडम की जगह दीदी या बहन जी कहकर बुलाएंगे। वहीं पुरुष शिक्षकों के लिए गुरुजी शब्द का इस्तेमाल होगा। साथ ही बच्चे शिक्षकों के अभिवादन के समय नमस्ते या जय हिंद कहेंगे। इस बारे में संभल जिले की बीएसए अलका शर्मा ने बताया कि इस पहल का लक्ष्य भारतीय संस्कृति की झलक बच्चों तक पहुंचना है। इस कदम से बच्चों के भीतर शिक्षकों के प्रति सम्मान बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि शिक्षकों को नमस्ते या फिर जय हिंद कहने से छात्रों के मन में राष्ट्र प्रेम की भावना जागृत होगी। जिलाधिकारी ने छात्रों के साथ अध्यापकों के लिए भी निर्देश जारी किया है। आदेश के अनुसार विद्यालय समय में कोई भी शिक्षक पान, सिगरेट, तंबाकू आदि का इस्तेमाल नहीं करेगा। यदि कोई भी शिक्षक इनका इस्तेमाल करते पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा विद्यालय में आने वाले पुरुष और महिला शिक्षक जींस शर्ट आदि पहन कर नहीं आएंगे। वे भारतीय परिधान पहनकर ही स्कूल में आएंगे। डीएम ने अपने आदेश में विद्यालय में प्लास्टिक की बोतलों के इस्तेमाल को पूरी तरह से वर्जित किया है। अगर कोई भी इनका इस्तेमाल करता है तो उस पर अर्थदंड की कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने यह भी आदेश जारी किया है कि विद्यालय के कक्ष में शिक्षक और बच्चे जूते पहन कर न जाएं। वे जूते या चप्पल कक्ष से बाहर निकाल कर ही भीतर जाएं। इस बारे में बीएसए ने बताया कि विद्यालय एक मंदिर की तरह होता है। ऐसे में जैसा आचरण हम मंदिर में करते हैं ऐसा ही आचरण विद्यालय में भी अपनाएं।
Rajneesh kumar tiwari