जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। महंगी सब्जियों ने न केवल आम आदमी की हालत खराब की है बल्कि आरबीआई के प्लान को भी झटका दिया है। हरी सब्जियां लोगों के पहुंच से बाहर हो गई हैं। वहीं टमाटर की कीमत 100 रुपये तक पहुंच चुकी है। आलू-प्याज आंखों में आंसू ला रहे हैं। ऐसे में लोगों यह जानना चाहते होंगे कि इस महंगाई वाल मुसीबत से निजात कब मिलेगी। टमाटर और प्याज की बढ़ी कीमतों के कारण जून में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 5.08 प्रतिशत हो गई। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। यह महंगाई का 4 महीने का उच्चतम स्तर है। बता दें कि मई में एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 4.8 प्रतिशत और जून 2023 में 4.87 प्रतिशत पर थी। अब सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई को यह दायित्व है कि खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बनाए रखा जाए। अब सब्जियों के दामों ने आरबीआई के प्लान को फेल कर दिया है। बारिश से भले ही मौसम सुहाना हो गया हो, लेकिन इससे महंगाई बढ़ गई है। हरी सब्जियां जैसे शिमला मिर्च, भिंडी, बैंगन, प्याज, टमाटर और आलू की कीमतों में बंपर उछाल आया है। इससे आम जनता का बजट खराब हो गया है। आज देशभर में टमाटर की औसत खुदरा कीमत 70 रुपये प्रति किलोग्राम के उच्च स्तर पर पहुंच गई। यह पिछले महीने दर्ज किए गए 38 रुपये प्रति किलोग्राम से 68 फीसदी अधिक है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मूल्य निगरानी प्रभाग के अनुसार, एक साल पहले 11 जुलाई को टमाटर की कीमतें लगभग 109 रुपये प्रति किलोग्राम थीं। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 11 जुलाई को देश में टमाटर का मॉडल रेट 80 रुपये प्रति किलोग्राम था। जबकि, दिल्ली- एनसीआर में टमाटर की कीमतें 100 रुपये प्रति किलो दर्ज की गईं। आॅनलाइन प्लेटफॉर्म ब्लिंकिट और बिगबास्केट उत्तर प्रदेश के नोएडा में क्रमश: 110 रुपये प्रति किलोग्राम और 94 रुपये प्रति किलोग्राम पर टमाटर बेच रहे हैं। वहीं, सब्जी विक्रेता कीमतों में उछाल का कारण महाराष्ट्र, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों से टमाटर की आपूर्ति प्रभावित होना बता रहे हैं। दिल्ली के थोक बाजार आजादपुर मंडी, गाजीपुर मंडी और ओखला सब्जी मंडी में बारिश के कारण हरी सब्जियों की सप्लाई प्रभावित हुई है। 11 जुलाई को देशभर में प्याज का औसत खुदरा मूल्य बढ़कर 47 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया। प्याज की कीमत में भी 28 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह 11 जुलाई को आलू की अखिल भारतीय औसत कीमत 40 रुपये प्रति किलो दर्ज की गई है। एक महीने में आलू 20 फीसदी महंगा हो गया है। वहीं हरी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। जैसे भिंडी 100 रुपये किलो में बिक रही है। वहीं गोभी 200 रुपये किलो और लौकी 80 रुपये किलो में मिल रही है। इसी तरह परवल 100 रुपये, मटर 200, शिमला मिर्च 120 रुपये और बैंगन 80 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है। क्रिसिल ने अपनी मंथली फूड प्राइस रिपोर्ट में कहा है कि इससे शाकाहारी थाली की लागत पिछले साल की तुलना में 20 फीसदी बढ़ गई। महंगाई पर सरकार दावा कर रही है कि घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए प्याज और आलू का पर्याप्त स्टाक है। साथ ही कुछ दिनों में कर्नाटक से टमाटर मार्केट में आने लगेंगे जिससे कीमतों में नरमी आएगी। वहीं दक्षिणी राज्यों से ताजा फसल जल्द ही बाजारों में आने वाली है। इससे कुछ ही दिनों में सब्जियों के दाम घट सकते हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को उम्मीद है कि अच्छी बारिश से सब्जियों की बुआई बढ़ी है। इससे भी सब्जियों के दाम काबू में रखने में मदद मिलेगी।
Rajneesh kumar tiwari