जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। नोएडा ग्रेटर नोएडा यमुना प्राधिकरण के लिए किसानों का आंदोलन बड़ी चुनौती बनने जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा जिन तीन मांगों को लेकर सड़क पर उतरा है। उसको पूरा कर पाना संभव नहीं दिख रहा है। आज अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे किसानों और पुलिस के बीच तीन घंटे तक नोकझोंक हुई। पुलिस ने दिल्ली कूच कर रहे किसानों को रोक दिया। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले के नोएडा में राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल पर किसान धरना दे रहे हैं। धरने को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। किसान विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले धरनास्थल से किसान ट्रैक्टर और ट्रॉली में सवार होकर दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। पुलिस ने किसानों को यमुना प्राधिकरण कार्यालय के परिसर से बाहर निकलने नहीं दिया। करीब तीन घंटे तक किसान और पुलिस के बीच नोकझोंक जारी रही। दिल्ली न जाने के बाद किसान फिर वापस राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल लौट आए। किसानों ने सड़क पर जाम लगाने का भी प्रयास किया। पुलिस ने ऐसा नहीं होने दिया। इसके बाद भी नोएडा-ग्रेटर नोएडा की कई जगहों पर भारी जाम देखा गया। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों ने अपनी मांगों को लेकर तीनों प्राधिकरण के खिलाफ मोर्चा खोला था। 25 नवंबर को किसानों ने ग्रेनो प्राधिकरण के बाहर महापंचायत कर धरना शुरू कर दिया। तीन दिन धरना देने के बाद किसानों ने 28 नवंबर से यमुना प्राधिकरण के बाहर धरना शुरू कर दिया। मांगें पूरी नहीं होने पर किसानों ने 2 दिसंबर को दिल्ली कूच करने की चेतावनी दी थी। सोमवार को यमुना प्राधिकरण से 30 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार होकर दिल्ली कूच करने की तैयारी की। पुलिस ने बैरिकेडिंग कर किसानों को रोक दिया। ट्रैक्टरों को नोएडा जाने से रोकने पर किसान निजी वाहनों से नोएडा पहुंचे। दूसरी ओर किसानों की नई मांगों ने नोएडा प्राधिकरण की टेंशन बढ़ा दी है। बता दें कि नोएडा प्राधिकरण किसानों से किए वादे के मुताबिक 5 प्रतिशत विकसित भूखंड देने में नाकाम रहा है। अब किसानों की 20 प्रतिशत विकसित भूखंड की नई मांग की है। संयुक्त किसान मोर्चा की तीन मांगों को पूरा करना प्राधिकरण के लिए चुनौतीपूर्ण है। तीन मांगों की बात करें तो किसान 1997 से अब तक अधिगृहीत जमीन के एवज में पांच प्रतिशत विकसित भूखंड की मांग कर रहे थे। जो आज 20 प्रतिशत तक पहुंच गया है। साथ ही किसान नए भूमि अधिग्रहण कानून के हिसाब से चार गुना मुआवजा राशि चाहते हैं। हाईपावर कमेटी द्वारा जो किसानों के पक्ष में निर्णय लिया गया, उसे तत्काल प्रभाव से लागू कराने की भी मांग उठाई है। बता दें कि नोएडा प्राधिकरण 1997 से अब तक जमीन अधिग्रहण के एवज में 16500 किसानों को विकसित भूखंड देने का दावा कर रहा है। वहीं 6070 किसानों को विकसित भूखंड मिलने बाकी है।
Rajneesh kumar tiwari