नई दिल्ली डीआरडीओ के गुप्त प्रोजेक्ट फूफा का इंतजार सिर्फभारतवासियों को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को है। ये भविष्य का वो हथियार है जिसके नाम से ही चीन और पाकिस्तान की सेना कांप जाएगी। ये जब दुश्मन के आसमान में मौत की तरह बरसेगा, तो कड़ी से कड़ी सुरक्षा वाले इलाके भी ध्वस्त हो जाएंगे। इसे दुश्मन देश का कोई भी रडार पकड़ नहीं पाएगा।
खतरनाक लड़ाकू विमान बना रहा भारत
भारत का ध्यान अब भविष्य के हथियारों पर है। इस मिशन पर डीआरडीओ तेजी से काम कर रहा है। अब भारत बेहद खतरनाक लड़ाकू विमान बनाने जा रहा है। इसे अदृश्य ताकत भी बताया जा रहा है। इसकी गति इतनी तेज होगी कि दुश्मन देश कोई भी रडार इसे पकड़ नहीं पाएगा। यह चीन और पाकिस्तान में घुसकर उनके नापाक इरादों को नेस्तानाबूत कर देगा। इस प्रोजेक्ट का नाम फूफा यानी फ्यूचरिस्टिक अनमैन्ड फाइटर एयरक्राफ्ट है।
चीन और पाक को घुसकर मारेगा फूफा
दुश्मन देश के बंकर हों, हथियार डिपो हो या पावर प्लांट। कोई भी टारगेट भारत के फूफा के हमले से बच नहीं पाएगा। भारतीय रक्षा एवं अनुसंधान संगठन की संस्था एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट इस्टैबलिशमेंट ने इसकी डिजाइन बनाई है। इस फाइटर एयरक्राफ्ट को देखकर यह पता चलता है कि भारत स्टेल्थ विंग फ्लाइंग के मामले में तेजी से काम कर रहा है। ये प्रोजेक्ट बेहद शुरूआती दौर में है। इसलिए इसके बारे में ज्यादा जानकारी शेयर नहीं की गई है। न ही इसके प्लान को लेकर कहीं ज्यादा सूचना है। बता दें कि दुनियाभर के अन्य देशों में भी इस तरह के प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। उन्हें देखते हुए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है विदेशी तकनीक को एडवासं रूप में स्वदेशी तरीके से पेश किया जाएगा।
स्ट्रैटेजिक आॅफेंसिव होगा पहला मिशन
अमेरिका, जर्मनी और फ्रांस जैसे अन्य देशों की तकनीकों को देखकर पता चलता है कि फूफा से भारत चार तरह के खतरनाक मिशन को अंजाम देने में सक्षम होगा। इनमें पहला- स्ट्रैटेजिक आॅफेंसिव और दूसरा- क्लोज एयर सपोर्ट होगा। वहीं तीसरा मिशन मिसाइल आॅफेंसिव और चौथा दुश्मन की हवाई सुरक्षा को भेदना और उसे नेस्तानाबूत करना शामिल है। बता दें कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ऐसी ही आॅटोनॉमस मानवरहित एरियल व्हीकल सीएटीएस वॉरियर पर काम कर रही है। यह अन्य लड़ाकू विमानों के सपोर्ट में साथ में आसमान में उड़ेगा। इसका अधिकतम टेकआॅफ वजन 2100 किलोग्राम होगा। इसके भविष्य के स्वरूप फूफा का टेकआॅफ वजन 5500 किलोग्राम होगा। यह 1500 किलोग्राम का पेलोड ले जाएगा। यानी यह वॉरियर से बड़ा होगा। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इनमें गगनभेदी एडवांस मिसाइल से लेकर कई अन्य आधुनिक हथियार लगाए जा सकते हैं। बता दें कि डीआरडीओ कभी भी फूफा के बारे में बात नहीं करता। यह तेजस फाइटर जेट से छोटा विमान हो सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि इसमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का सबसे आधुनिक एचटीटीईई-25 इंजन लगा हो सकता है।
12,251 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार
बता दें कि भारतीय रक्षा एवं अनुसंधान संगठन की संस्था एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट इस्टैबलिशमेंट ने हाल ही में एक टेंडर निकाला था। जिसमें कहा गया था कि ऐसे विंड टनल मॉडल की सप्लाई करनी है, जिसकी आईआईटी कानपुर में मौजूद नेशनल टनल टेस्ट फैसिलिटी में टेस्टिंग होगी। ये टनल इसलिए बनवाया जा रहा है ताकि इसके अंदर भारत के फूफा की टेस्टिंग हो सके। इससे पता चल जाता है कि भारत का मिशन फूफा कितना गुप्त है। इसके अलावा भारत हाइपरसोनिक ग्लाइडर हथियार बना रहा है। उसका परीक्षण भी कर चुका है। डीआरडीओ ने मानव रहित स्क्रैमजेट का हाइपरसोनिक स्पीड फ्लाइट का सफल परीक्षण भी कर लिया है। इसे एचएसटीडीवी कहते हैं। बता दें कि हाइपरसोनिक स्पीड फ्लाइट के लिए मानव रहित स्क्रैमजेट प्रदर्शन विमान है। यह विमान 6,126 से 12,251 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है। इसलिए इसे हाइपरसोनिक विमान कहते हैं।
Rajneesh kumar tiwari