जनप्रवाद संवाददाता, नोएडा/संभल। कोलकाता में डाक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या को लेकर गुस्सा उफान पर है। पूरे देश में डाक्टर और नर्सो ने हड़ताल कर दी है। इससे स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। वहीं ग्रेटर-नोएडा में आयुर्वेद के छात्रों ने रैली निकाली। साथ ही उत्तर प्रदेश के सम्भल में महिला डाक्टर सड़क पर उतर आई। सभी ने आरोपियों को फांसी देने की उठाई मांग उठाई। कोलकाता में महिला डाक्टर के साथ हुई दरिंदगी को लेकर देशभर में आक्रोश है। हर राज्य में डाक्टरों का विरोध प्रर्दशन जारी है। हड़ताली डाक्टरों की मांग है कि केंद्र सरकार सभी स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। इस दिशा में बेहद महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने आज एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि किसी डाक्टर के साथ किसी प्रकार की हिंसा होती है, तो इसके लिए मेडिकल कालेज या अस्पताल के हेड जिम्मेदार होंगे। आदेश में कहा गया है कि स्वास्थ्य कर्मियों के साथ किसी भी प्रकार की हिंसा होने पर घटना की 6 घंटे के अंदर एफआईआर दर्ज करवाई जाए। ऐसा न होने पर मेडिकल कॉलेज के प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। हड़ताली डाक्टरों के समर्थन में नोएडा ग्रेटर नोएडा के आयुर्वेद के डाक्टरों ने पूरे शहर में रैली निकाली। इस अवसर पर आयुर्वेद के डाक्टर सुशांत गौर ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होना चाहिए। अस्पताल में जो तोड़फोड़ की घटना हुई वह निंदनीय है। सबूत मिटाने के लिए यह सब किया गया है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि सीबीआई की सुरक्षा की व्यवस्था की जानी चाहिए, क्योंकि पश्चिम बंगाल के जो हालात हैं वहां किसी को भी टारगेट किया जा सकता है। प्रदर्शन में डा लिपाक्षी सिंघल, डा उनमिता पांडेय, डा निधि सैनी, डा आदित्य वत्स एवं डॉ प्रज्ज्वल मिश्रा समेत सैकड़ों डाक्टरों ने हिस्सा लिया। उत्तर प्रदेश के सम्भल में महिला डाक्टर सड़क पर उतर आई हैं। डाक्टरों की सबसे प्रमुख मांग है कि सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करे और उनकी सुरक्षा के लिए कानून पास करे। उनके अनुसार आए दिन कहीं न कहीं डाक्टरों के साथ मारपीट की जाती रहती है। उनके जानमाल के साथ खिलवाड़ किया जाता है। महिला डाक्टरों ने संभल चौराहे पर कैंडल मार्च निकालकर प्रदर्शन किया। डाक्टरों ने आरोपियों को फांसी देने की उठाई मांग उठाई।
Rajneesh kumar tiwari