जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। यूपी के जौनपुर जिले के एक गांव में मुस्लिम परिवारों ने अपने उपनाम बदल दिए हैं। वे अपने नाम के साथ दुबे, तिवारी, ठाकुर, कायस्थ टाइटिल जोड़ रहे हैं। इससे यूपी का यह गांव सुर्खियों में आ गया है। इसके पीछे की वजह भी बेहद हैरान करने वाली है। पूरा मामला जौनपुर जिले के केराकत तहसील के डेहरी गांव का है। यहां कई मुस्लिम परिवारों ने अपने नाम के साथ हिंदू टाइटल जोड़ना शुरू कर दिया है। गांव में एक दो नहीं बल्कि 30 से 35 मुसलमान परिवार अपने नाम के साथ दुबे, तिवारी, ठाकुर, कायस्थ टाइटिल जोड़ रहे हैं। इस परिवर्तन से संबंधित व्यक्तियों के परिवारवालों और रिश्तेदारों को दुबई में धमकियां मिल भी रही हैं। सबसे पहले डेहरी गांव के नौशाद अहमद ने शादी के कार्ड पर नौशाद अहमद दुबे लिखकर सभी का ध्यान खींचा। इसकी वजह बेहद हैरान करनी वाली है। नौशाद अहमद को उनके दोस्त सालों से पंडित जी बुलाते रहे हैं। कुछ महीने पहले उन्होंने अपने पूर्वजों के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि वे ब्राह्मण थे। शेख अब्दुल्ला ने भी अपने नाम के आगे दुबे जोड़ लिया है। कुछ महीने पहले असम में एनआरसी यानी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) लाया गया तो उन्होंने अपने परिवार का इतिहास खंगालना शुरू किया। ये भी माना जा रहा है कि नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए और एनआरसी के डर की वजह से इन मुस्लिम परिवारों ने ये कदम उठाया है। वहीं गांव वालों का कहना हैकि उनके पूर्वज पूर्व में हिंदू थे, इसलिए अब वह अपने नाम के साथ अपने गोत्र का नाम भी लिख रहे हैं। इसे लेकर पूरे इलाके में चर्चा का बाजार गर्म है। नौशाद अहमद दुबे का मानना है कि सात पीढ़ी पहले उनके पूर्वज लाल बहादुर दुबे मुसलमान बन गए थे। वह अपना नाम लाल मोहम्मद लिखने लगे। नौशाद के पूर्वज आजमगढ़ से आए थे। पूर्वजों के बारे में जानकारी होने पर उन्होंने कहा कि एक हिंदू संस्था से जुड़कर हिंदू-मुस्लिम धर्म के बीच एक सौहार्द के माहौल में रह रहे हैं। दूसरी ओर गांव के दूसरे निवासी सैय्यद शांडिल्य, अब्दुल्लाह दुबे, इरशाद पांडेय लिखने लगे हैं। ठाकुर गुफरान तो सभी से अपील करते हैं कि अपनी जड़ों से जुड़ें। इन लोगों का कहना है कि भारत में नहीं, लेकिन विदेशों में रह रहे भतीजे और अन्य रिश्तेदारों को हमारे टाइटल बदलने के मामले को लेकर धमकियां मिल रही हैं, जिसका हमें कोई खौफ नहीं है। डेहरी गांव वालों के बारे में बताया जा रहा है कि 2 साल पहले कुछ लोगों ने अपने पूर्वजों की जड़ तलाशनी शुरू की। इस दौरान जब उनके वंशजों के धर्म हिंदू होना मिला तो सभी सकते में आ गए। पता चला कि पूर्वज हिन्दू ब्राह्मण, ठाकुर और कायस्थ थे। किन्हीं कारणों से उन्होंने इस्लाम कुबूल कर लिया था।
Rajneesh kumar tiwari