जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। जमीन में ऐसी अदृश्य शक्ति मिली है जो पूरी दुनिया को 200 वर्षों तक बिजली दे सकती है। वैज्ञानिक भी इस छिपी हुई शक्ति की खोज से बेहद उत्साहित हैं। उनका मानना है कि ऊर्जा का यह विकल्प दुनिया में मौजूद सभी विकल्पों से बेहतर होने के साथ पर्यावरण के अनुकूल है। यह किसी भी मौसम में काम करने में सक्षम है। वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी के गर्भ में बेहद शक्तिशाली और प्राकृतिक संसाधन छिपा है। यह पूरी दुनिया को 200 से अधिक वर्षों तक बिजली दे सकता है। वैज्ञानिकों को इस संसाधन का बहुत बड़ा भूमिगत भंडार मिला है। यह अक्षय ऊर्जा के बारे में हमारी सभी जानकारी और समझ को बदल सकता है। संभावना है कि यह पृथ्वी की सतह के नीचे चट्टानों और जलाशयों में छिपा हुआ है। हम बात कर रहें है पृथ्वी के नीचे छिपे खरबों टन हाइड्रोजन गैस की। द डायरी 24 की रिपोर्ट के अनुसार हाइड्रोजन की कमी और भंडारण के मामले में कई लोगों की धारणा गलत साबित हुई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि प्राकृतिक हाइड्रोजन को बनाए रखना जटिल है। वहीं सबसे बड़ा सवाल है कि अगर शोधकर्ताओं ने इस प्राकृतिक हाइड्रोजन को पाया है तो वे इसे कैसे निकालेंगे। साथ ही वैश्विक स्तर पर इसे कैसे लागू करेंगे। ज्ञानिकों का अनुमान है कि पृथ्वी की सतह के नीचे मौजूद हाइड्रोजन का एक छोटा सा हिस्सा पूरी दुनिया की ऊर्जा की खपत को पूरी कर सकता है। यह 200 वर्षों तक जीवाश्म ईंधन पर हमारी निर्भरता को खत्म कर सकता है। हाल के अध्ययनों के अनुसार, ग्रह के भूमिगत जलाशयों और चट्टानों में लगभग 6.2 ट्रिलियन टन हाइड्रोजन है। इन हाइड्रोजन भंडारों का स्थान अज्ञात है। यह जमीन में छोड़े जाने वाले तेल की मात्रा से लगभग 26 गुना अधिक है। प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले हाइड्रोजन भंडार की खोज वैश्विक ऊर्जा रणनीतियों को नया रूप दे सकता है। बता दें कि हरित ऊर्जा की आधारशिला माने जाने वाले इस तत्व का उत्पादन मुख्य रूप से ऊर्जा-गहन प्रक्रियाओं के माध्यम से कृत्रिम रूप से किया जाता है। हाइड्रोजन को अक्सर नवीकरणीय संसाधनों के भविष्य के रूप में माना जाता है क्योंकि यह स्वच्छ है। यदि हम सौर और पवन ऊर्जा जैसे अन्य नवीकरणीय संसाधनों की तुलना करें तो हाडड्रोजन ऊर्जा का विकल्प सबसे अच्छा रहेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि सौर और पवन ऊर्जा मौसम की स्थिति पर निर्भर करते हैं। यदि मौसम खराब है, तो आपको अपनी पूरी क्षमता के अनुसार ऊर्जा की आपूर्ति नहीं मिल सकती है। अब, प्राकृतिक हाइड्रोजन के साथ ऐसा नहीं है। यह हमेशास्थिर और उपलब्ध रहेगा। साथ ही किसी भी मौसम में ऊर्जा का प्रवाह जारी रहेगा।
Rajneesh kumar tiwari