May 17, 2024
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना को अब खतरनाक स्वदेशी लड़ाकू विमान एलसीए मार्क 1ए से लैस होगी। मार्क 1ए का पहला संस्करण विमान जुलाई में मिल सकता है। एचएल ने इस पर काम तेज कर दिया है। पहले यह मार्च में ही वायुसेना को मिलने वाला था लेकिन तकनीकी कारणों की वजह से इसमें देरी हो गई।
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लंबे समय से चल रहा इंतजार
लंबे समय से चल रहा इंतजार अब खत्म होने जा रहा है। जल्द ही देश का पहला स्वदेशी लड़ाकू विमान मार्क1 ए वायुसेना को मिलने वाला है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड पूरी कोशिश में लगा हुआ है कि जुलाई तक वायुसेना को पहला स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट मिल जाए। बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने फरवरी 2021 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 48 हजार करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर किया था। इस सौदे के तहत वायुसेना को 83 तेजस मार्क-1 एयरक्राफ्ट दिए जाने थे। इस लड़ाकू विमान को पाकिस्तान की सीमा के पास राजस्थान के बीकानेर में नाल एयरबेस स्टेशन पर तैनात करने की तैयारी है।
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एलसीए मार्क-1 ए की खासियत
मार्क-1ए पिछले वैरिएंट से थोड़ा हल्का है। यह 43.4 फीट लंबा और 14.5 फीट ऊंचा है। यह 2200 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ान भर सकता है। इसका कॉम्बैट रेंज 739 किलोमीटर है। वैसे इसका फेरी रेंज 3000 किलोमीटर तक बढ़ाई जा सकती है। विमा अधिकतम 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। इसमें कुल मिलाकर 9 हार्ड प्वाइंट्स हैं। इसके अलावा 23 मिलिमीटर की ट्विन-बैरल कैनन लगी है। हार्डप्वाइंट्स में 9 अलग-अलग रॉकेट्स, मिसाइलें, बम लगा सकते हैं। या फिर इनका मिश्रण कर सकते हैं।
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बेहद आधुनिक है एलसीए मार्क-1 ए
विमान के उन्नत संस्करण, तेजस एमके-1ए में उन्नत मिशन कंप्यूटर, उच्च प्रदर्शन क्षमता वाला डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर लगा है। वहीं मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले, एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड रडार, एडवांस्ड सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर इसको खास बनाती है। वहीं इसमें इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट जैसी कई आधुनिक सुविधाएं हैं। यह फाइटर जेट वैसे तो तेजस एमके-1 की तरह ही है, इसमें कुछ चीजें बदली गई हैं। इसमें अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूईट, उत्तम एईएसए राडार, सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर, राडार वॉर्निंग रिसीवर लगा है। इसके अलावा इसमें बाहर से पॉड भी लगा सकते हैं। यह मिशन भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। रक्षा अधिकारियों ने बताया कि कि भारतीय वायुसेना और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एचएएल ने हाल ही में लड़ाकू विमान तेजस परियोजना की समीक्षा की है। अब इसे इस साल जुलाई तक वायुसेना को सौंपे जाने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि एचएल ने पिछले महीने लड़ाकू विमान की पहली उड़ान सफलतापूर्वक पूरी कर ली थी। वायुसेना को सौंपने से पहले कई अन्य परीक्षणों को पूरा किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि स्वदेशी लड़ाकू विमान को शामिल करना रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा और इस अवसर पर प्रधानमंत्री को भी आमंत्रित किया जा सकता है।
Rajneesh kumar tiwari