जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। इसरो का डंका पूरी दुनिया में बजने लगा है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में कीर्तिमान रचते हुए रिकॉर्ड तोड़ कमाई की है। केंद्रीय अंतरिक्ष राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि बीते दस साल में इसरो ने यूरोप और अमेरिका से करीब 427 मिलियन डॉलर कमाए हैं। भारतीय रुपए में इसकी कीमत करीब 3600 करोड़ है। उपलब्धियों से भरे 2024 में भारत ने प्रोबा-3 और स्पैडेक्स मिशन लांच कर नए साल की उम्मीदों की मजबूत नींव रख दी है। भारत ने रक्षा, बुनियादी ढांचा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी एआई और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में पूरी दुनिया को अपनी क्षमताओं का लोहा मनवाया। नए क्षेत्रों में नए अवसर बढ़ने से भारत की धाक बढ़ी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो के सफल मिशन यह दर्शा रहे हैं कि स्वदेशी तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल के साथ भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल कर रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र इसरो को लेकर केंद्रीय अंतरिक्ष राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बड़ा खुलासा किया है। जितेंद्र सिंह ने बताया कि बीते दस साल में इसरो ने यूरोप और अमेरिका से स्पेस मिशन के लिए 427 मिलियन डॉलर कमाए हैं। बता दें कि भारतीय रुपए में इसकी कीमत करीब 3600 करोड़ है। जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसरो ने अमेरिका और यूरोपीय संघ के लिए पिछले एक दशक में कई कमर्शियल सैटेलाइट लांच की है। उन्होंने बताया कि आने वाले सालों में राजस्व का आंकड़ा बढ़ने की संभावना है। 2025 की पहली छमाही में इसरो पांच कमर्शियल सैटेलाइट लॉन्च करेगा। राज्य मंत्री ने बताया कि इसरो ने केवल अमेरिका के लिए सैटेलाइट लॉन्च करके 172 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। इसी तरह यूरोपीय संघ से 304 मिलियन डॉलर कमाए हैं। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा दिखाता है कि भारत ने अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में किस तरह की प्रगति की है। पूरी दुनिया भारत ने अग्रणी अंतरिक्ष राष्ट्र के तौर पर खुद को स्थापित कर लिया है। आने वाले समय में कई तरह के और मिशन चलाए जाएंगे। भारत फरवरी या मार्च तक अमेरिका के लिए सीधे मोबाइल संचार के लिए एक सैटेलाइट लॉन्च कर रहा है। नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (निसार) सैटैलाइट का बहुप्रतीक्षित प्रक्षेपण भी दूसरी तिमाही तक हो जाएगा। बता दें कि ये सभी वाणिज्यिक मिशन हैं। ये देश की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के आकार को बढ़ाने के लिए भारत की बढ़ती क्षमताओं को दर्शाते हैं। साल 2025 की बात करें तो इसरो इस साल 36 सैटेलाइट लांच करेगा। बता दें कि इसरो ने पांच दिसंबर को बाहुबली रॉकेट पीएसएलवी सी-59 से यूरोपीय स्पेस एजेंसी का प्रोबा-3 मिशन लॉन्च किया था। सूर्य के कोरोना का अध्ययन करने के लिए इस मिशन को बेल्जियम, स्पेन, पोलैंड, स्विट्जरलैंड और इटली ने तैयार किया है। साथ ही तीसरी पीढ़ी के मौसम उपग्रह इनसैट-3डीएस लॉन्च किया। नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-02 का जनवरी में प्रक्षेपण होगा।
Rajneesh kumar tiwari