जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। दुनिया भर के वैज्ञानिक स्पेश स्टेशन में उलझे रहे वहीं इसरो ने खास उपलब्धि हासिल कर ली। इसरो द्वारा अंतरिक्ष में भेजे गए लोबिया के बीजों में अंकुरण के बाद पत्तियां निकल आई हैं। इसरो ने कहा कि यह अंतरिक्ष आधारित पौध अनुसंधान विज्ञान में ऐतिहासिक पल और मील का पत्थर है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने एक बार फिर बड़ी सफलता हासिल की है। पीएसएलवी-सी60 पीओईएम-4 प्लेटफॉर्म पर अंतरिक्ष में भेजे गए लोबिया के बीजों में अंकुरण के साथ पत्तियां निकल आई हैं। इसरो ने कहा कि यह आने वाले अंतरिक्ष मिशनों के लिए प्रेरणा बनेगा। बता दें कि विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र यानी वीएसएससी की ओर से विकसित कॉम्पैक्ट रिसर्च मॉड्यूल फॉर आर्बिटल प्लांट स्टडीज एक स्वचालित मंच है। इसे अंतरिक्ष के सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण वातावरण में पौधों के जीवन को विकसित करने और बनाए रखने के लिए डिजाइन किया गया है। इसरो ने कहा कि प्रयोग में तापीय प्रबंधन से सुसज्जित और बंद वातावरण में लोबिया का बीज उगाना बड़ी बात है। इस प्रणाली ने आक्सीजन और कार्बन डाइआक्साइड के स्तर, सापेक्ष नमी, तापमान और मिट्टी की नमी समेत अलग-अलग पैरामीटर की निगरानी की। साथ ही पौधों की वृद्धि पर नजर रखने के लिए तस्वीरें भी लीं। इसरो ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया कि यह उपलब्धि अंतरिक्ष में पौधे उगाने की क्षमता को प्रदर्शित करती है। वहीं भविष्य के दीर्घकालिक मिशन के लिए मूल्यवान जानकारी भी प्रदान करती है। इसरो ने कहा कि पत्तियों के आने के बाद इस पर शोध होगा। इस अध्ययन से यह खुलासा होगा कि पौधे सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल कैसे ढलते हैं। साथ ही यह समझना आसान हो जाएगा कि जीवन समर्थन प्रणाली विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण कारक क्या है। इससे आने वाले मिशनों पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के लिए भोजन का उत्पादन किया जा सकेगा। साथ ही हवा और पानी बनाने में मदद मिलेगी। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, सीआरओपीएस प्रयोग की सफलता अंतरिक्ष में स्थायी मानव मौजूदगी की दिशा में एक आशाजनक कदम है। अंतरिक्ष एजेंसी ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष से प्रयोग के लिए आठ लोबिया के बीज भेजे थे। बता दें कि मिशन ने 30 दिसंबर की रात को दो स्पैंडेक्स उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया था। इसरो के रॉकेट का चौथा चरण 350 किमी की ऊंचाई पर 24 आॅनबोर्ड प्रयोगों के साथ पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है। इसरो ने बताया कि लोबिया के बीजों को सक्रिय थर्मल नियंत्रण के साथ एक बंद बक्से वाले वातावरण में रखा गया है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि पौधों की वृद्धि और निगरानी के लिए कैमरा इमेजिंग, आॅक्सीजन और कार्बन डाइआॅक्साइड सांद्रता, सापेक्ष आर्द्रता मापी जा रही है। वहीं तापमान और मिट्टी की नमी की निगरानी समेत निष्क्रिय माप उपलब्ध हैं।
Rajneesh kumar tiwari