जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। चंद्रयान 3 की पहली वर्षगांठ से पहले इसरो भारत हीं नहीं दुनिया को बड़ा गिफ्ट देने जा रहा है। 15 अगस्त को इसरो ईओएस-8 लांच करने जा रहा है। इस सैटेलाइट से दुनिया भर के देशों को आने वाली आपदाओं की समय से पहले जानकारी मिल जाएगी। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद से इसरो के वैज्ञानिक लगातार नए-नए मिशन्स पर काम कर रहे हैं। इस मिशन के बाद से इसरो अंतरिक्ष से जुड़े तमाम रहस्यों को सुलझाने के लिए नया मिशन लांच कर रहा है। आने वाले सालों में ऐसे कई मिशन लांच किए जाएंगे। अब इसरो ने बताया है कि 15 अगस्त को स्पेस एजेंसी देश ही दुनिया को अहम गिफ्ट देने वाली है। इसरो ने बताया कि वह आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से ईओएस 8 सैटेलाइट लांच करेगा। इस मिशन का उद्देश्य देश और दुनियाभर में आपदाओं का अवलोकन करना और अलर्ट करना शामिल है। इसरो का ईओएस-8 मिशन प्राकृतिक आपदाओं का सटीक अनुमान लगाने के लिए बेहद अहम है। इस मिशन के तहत सैटेलाइट आपदाओं का अनुमान लगाने के साथ ही लोगों को अलर्ट करने में भी सक्षम होगा। वहीं अगर इस मिनश की विशेषताओं के बारे में बात करें तो ईओएस-08 में तीन पेलोड हैं। इसमें इलेक्ट्रो आप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड यानी ईओआईआर होगा। साथ ही ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड यानी जीएनएसएस-आर भी लगाया गया है। साथ ही सौर सीआईसी यूवी डोसीमीटर को इसमें सेट किया गया है। यह उपग्रह एसएसएलवी-डी3/आईबीएल-358 लांच वाहन के साथ इंटरफेस किया जाएगा। इसमें मिड-वेव आईआर यानी एमआईआर और लांग वेव आईआर एलडब्ल्यूआईआर बैंड हैं। इसमें दिन और रात में काम करने की पूरी क्षमता है। इसरो ने बताया कि मिशन का उद्देश्य देश और दुनिया को आपदा का अलर्ट देना है। यह आपदा निगरानी, पर्यावरण निगरानी, आग का पता लगाने, ज्वालामुखी गतिविधि जैसी गतिविधियों का अवलोकन करेगा और अलर्ट देगा। मिशन को दिन और रात दोनों समय काम करने के लिए बनाया गया है। इसमें ईओआईआर की मदद से इंफ्रारेड तस्वीरें खींचने की क्षमता है। बता दें कि दुनिया भर आने आपदाओं में जंगल में आग लगना, ज्वालामुखी विस्फोट की घटनाएं शामिल हैं। इसके अलावा समुद्र में हलचल, सुनामी और तूफान का समय पूर्व विश्लेषण किया जाएगा। इस मिशन से किसानों को भी मदद मिलेगी। इससे मिट्टी की नमी और बाढ़ इत्यादि का भी विश्लेषण किया जा सकेगा। इसमें एसआईसी यूवी डोजीमीटर से अल्ट्रावायलेट रेडिएशन की भी जांच की जा सकेगी, जिससे इसरो को गगनयान मिशन में मदद मिलेगी।
Rajneesh kumar tiwari