नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने लोकसभा और राज्य विधानसभा के चुनावों की तारीखों की घोषणा करते हुए कई बातें कहीं। प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनावी प्रक्रिया को विस्तार से समझाया और आयोग की पूरी योजना बताई। चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद एक बात तो साफ हो गई है कि आयोग पूरी प्रक्रिया को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष कराने के लिए पूरी तैयार है। इतना ही नहीं, इस बार निर्वाचन आयोग नेताओं पर सबसे ज्यादा सख्त रहेगा और मतदाताओं को सबसे ज्यादा सहूलियत दी जाएगी।
—-
काम नहीं आएगा नेताओं का बाहुबल-धनबल
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव में हिंसा कोई स्थान नहीं होना चाहिए। इस बार नया प्रयोग किया जा रहा है। इसको हम सख्ती से लागू करेंगे। इस बार हर जिले में एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। वहां टीवी, सोशल मीडिया, वेब कास्टिंग, 1950 हेल्पलाइन और शिकायत पोर्टल होगा। इस पर निगरानी के लिए हर जिले के ऐसे कंट्रोल रूम में एक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। जहां भी शिकायत मिलेगी, वहां सख्त कार्रवाई होगी। जिन लोगों के पास गैर जमानती वॉरंट हैं और जो हिस्ट्रीशीटर्स हैं, उन पर देशभर में कार्रवाई की जा रही है। जो लोग तीन साल से किसी एक जिले में पदस्थ हैं, उन्हें बदलने को कहा गया है। जहां भी वॉलंटियर और अनुबंध पर लोग काम कर रहे हैं, उन्हें चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाया जाएगा। कुछ राज्यों में धन का उपयोग ज्यादा है। हम इससे भी निपट रहे हैं। पिछले 11 चुनाव में 3,400 करोड़ रुपये की नकदी के गैरकानूनी इस्तेमाल को रोका गया है। 2017-18 के मुकाबले 2022-23 में ऐसे धन की जब्ती में 835 फीसदी का इजाफा हुआ है। शराब, कैश, कुकर, साड़ी बांटने जैसे तरीकों को रोकने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। बैंक भी यह देखेंगे कि कहीं अचानक से नकदी की मांग में इजाफा तो नहीं हो रहा। हर बंदरगाहों, हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, सड़क मार्ग पर सख्त निगरानी होगी। जहां हेलीकॉप्टर या चार्टर्ड उड़ानें उतरेंगी वहां सामान की जांच होगी।
लोकतंत्र में झूठ के बाजार को जगह नहीं
राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग समेत किसी की भी आलोचना करने की पूर्ण स्वतंत्रता है, लेकिन फेक न्यूज, अफवाहें फैलाने की आजादी नहीं है। हर राज्य के अधिकारियों को अधिकार दिया गया है ताकि वे आपत्तिजनक बयानों से जुड़ी पोस्ट हटाने को कह सकें। अगर कोई झूठा नरैटिव फैला रहा है तो हम उसका पुरजोर मुकाबला करेंगे। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर झूठ बनाम हकीकत नाम से शृंखला शुरू की जाएगी। उन्होंने मतदाताओं से भी अनुरोध किया कि सोशल मीडिया पर जो भी आए, उसे आंख बंदकर आगे न बढ़ाएं। झूठ के बाजार में रौनक बहुत होती है इसे रोकने में जनता की भागीदारी जरुरी है।
—-
नफरत भरे भाषणों पर भी सख्ती
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हमने राजनीतिक दलों से कहा है कि वे चुनाव आयोग की गाइडलाइन को अपने स्टार कैम्पेनर के संज्ञान में लाएं। पिछली बार नैतिक सेंसर था, लेकिन अब हम अतीत भी देखेंगे। अगर किसी ने नफरत भरे भाषण दिए, निजी जिंदगी से जुड़े पहलुओं पर गलत बयान दिए, धार्मिक नफरत फैलाने की बात कही तो कार्रवाई होगी। प्रचार अभियान के दौरान लक्ष्मण रेखा को पार न करें। डिजिटल के जमाने में जो भी आपके मुंह से निकलेगा, उसका रिकॉर्ड सौ साल तक रहेगा। लड़ाई-झगड़े में प्रेम का धागा टूट जाता है तो बड़ी मुश्किल होती है। हमने 537 अपंजीकृत राजनीतिक दलों को अधिकृत सूची से बाहर किया है। चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के हर खातों की जानकारी डिजिटल रूप में चुनाव आयोग को भेजने के कार्य को अनिवार्य किया है।
—
चुनाव प्रचार से दूर रहेंगे बच्चे
इस बार चुनाव प्रचार में बच्चों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। इसके लिए चुनाव आयोग 2,100 पर्यवेक्षकों की तैनाती करेगा। वे जिला निर्वाचन अधिकारियों की निष्पक्षता पर नजर रखेंगे। सुरक्षा बलों की तैनाती सही तरीके से हो रही है या नहीं, इस पर भी नजर रखी जाएगी। इस बार समाचार के रूप में विज्ञापन देने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
——-
बेहद कड़ी होगी सुरक्षा
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव और चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में राज्य पुलिस बलों के साथ 3.4 लाख केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों को तैनाती होगी। राजनीतिक रूप से अस्थिर पश्चिम बंगाल में सीएपीएफ के सबसे ज्यादा 92,000 कर्मियों को तैनात किया जाएगा। इसके बाद आतंकवाद प्रभावित जम्मू और कश्मीर में 63,500 कर्मियों को तैनात किया जाएगा। यहां 5 चरणों में मतदान होगा। नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में 36,000 जवान तैनात किए जाएंगे। यहां तीन चरणों में मतदान होगा। इसके अलावा चरणबद्ध तरीके से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सीएपीएफ की अधिकतम 3,400 कंपनियों को तैनात करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि एक सीएपीएफ कंपनी में लगभग 100 कर्मी शामिल होते हैं।
Rajneesh kumar tiwari