भारत द्वारा निर्मित अत्याधुनिक हथियारों और मिसाइलों की अब पूरी दुनिया मुरीद हो गई है। इसी वजह से विदेश में इसकी मांग तेजी से बढ़ने लगी है। फिलीपींस के बाद अब वियतनाम भी जल्द ही भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने वाला है। जिसके चलते चीन की टेंशन बढ़ गई है।
वियतनाम की चीन के साथ पुरानी दुश्मनी
पूर्वी एशियाई देश वियतनाम की चीन के साथ पुरानी दुश्मनी है। दोनों देशों के बीच दक्षिण चीन सागर में सीमा को लेकर कई वर्षों से विवाद चल रहा है। यह दोनों 1979 में आपस में युद्ध भी लड़ चुके हैं। समंदर में चीन की बढ़ती शक्ति को मुहंतोड़ जवाब देने के लिए वियतनाम को भी किसी ऐसे हथियार की तलाश है जिससे वह ड्रैगन पर दबाव बना सके। ऐसे में वियतनाम ने अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ाने के लिए भारत के ब्रह्मोस मिसाइल में रूचि दिखाई है।
ब्रह्मोस मिसाइल के सौदे को लेकर बातचीत जारी
ब्रह्मोस मिसाइल के सौदे को लेकर भारत और वियतनाम के बीच बातचीत जारी है। कुछ मीडिया रिपार्ट में तो यहां तक दावा किया गया है कि दोनों देशों के बीच यह डील अंतिम चरण में है। ऐसे में अगर इस डील पर मुहर लग जाती है तो वियतनाम ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने वाला दुनिया का दूसरा देश बन जाएगा। इससे पहले अभी हाल ही भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल की डिलीवरी की है।
प्रतिनिधिमंडल ने ब्रह्मोस का निरीक्षण किया
बता दें कि अभी हाल ही में मलेशिया में रक्षा प्रदर्शनी के दौरान वियतनाम पीपुल्स आर्मी के उपप्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल फुंग सी टैन ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ ब्रह्मोस मिसाइल का निरीक्षण किया है। इस दौरान उन्हें मिसाइल का विभिन्न वेरिएंट बहुत पसंद आया। वे इसकी जबरदस्त मारक क्षमता से बहुत प्रभावित हुए। बता दें कि ब्रह्मोस को रूसी ओनिक्स मिसाइल की कॉपी माना जाता है। दोनों मिसाइलों में काफी समानताएं भी हैं। ओनिक्स का इस्तेमाल रूस यूक्रेन के साथ युद्ध में कर रहा है।
चीन का डिफेंस सिस्टम नहीं रोक सकता ब्रह्मोस
वियतनामी प्रतिनिधिमंडल ने रक्षा प्रदर्शनी के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल की खूबियां की जानकारी हासिल की। ब्रह्मोस मिसाइल की उच्च सुपरसोनिक गति और कम ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता दुश्मन देश की वायु रक्षा प्रणालियों को चकमा देने में माहिर है। ब्रह्मोस की तेज गति इसके 300 किलोग्राम के वॉरहेड को अन्य मिसाइलों पर लगे दोगुने आकार के वॉरहेड की तुलना में अधिक विध्वंसकारी बनाती है। अभी तक चीन के पास ऐसा कोई डिफेंस सिस्टम नहीं है, जो ब्रह्मोस मिसाइल को रोक सके।
चीनी युद्धपोतों को निशाना बना सकता वियतनाम
चीन के पास ब्रह्मोस की काट नहीं होने की वजह से वियतनाम हर हाल में इस मिसाइल को खरीदना चाहता है। भविष्य में यदि उसका चीन से दोबारा युद्ध होता है तो ब्रह्मोस मिसाइल इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। ब्रह्मोस मिसाइल को जमीन, हवा और समुद्र तीनों जगहों से दागा जा सकता है। इसके जरिए वियतनाम चीनी युद्धपोतों को निशाना बना सकता है। चीनी युद्धपोतों पर लगे डिफेंस सिस्टम ब्रह्मोस का पता नहीं लगा पाएंगे, ऐसे में चीनी युद्धपोत वियतनाम के करीब आने से डरेंगे।
Arun kumar baranwal