एलएसी पर भारत और चीन के बीच बीते कई वर्षों से तनाव जारी है। दोनों देशों की सेनाएं अपने आन-बान-शान की रक्षा के लिए सीमा पर डटी हुई हैं। अब भारत सैनिकों के साथ ही उच्च तकनीक से लैस ‘खास कुत्ते’ को सीमा पर तैनात करने जा रहा है, जिसे युद्ध और निगरानी के लिए डिजाइन किया गया है।
उच्च तकनीक से लैस ‘रोबो डॉग्स’
चीन से मुकाबला करने के लिए भारतीय सेना में जल्द ही तकनीक से लैस ‘रोबो डॉग्स’ शामिल किए जाएंगे। इस रोबोटिक डॉग म्यूल यानी मल्टी-यूटिलिटी लेग्ड इक्विपमेंट को अभी फिलहाल निगरानी और हल्के वजन को ढोने के लिए तैनात किया जाएगा। यह म्यूल न केवल बर्फ और पहाड़ों में चल सकता है, बल्कि उन संकरी और अंधेरी जगहों में भी जा सकता है, जहां आतंकवादी या दुश्मन छिपे हो सकते हैं। यह म्यूल अपने 360 डिग्री कैमरों की मदद से सही लोकेशन का पता लगा सकता है। साथ ही फायरिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर दुश्मन को ढेर कर सकता है।
100 रोबोटिक्स डॉग का आर्डर
सैन्य सूत्रों के अनुसार, पिछले साल सितंबर में आपातकालीन खरीद के लिए 100 रोबोटिक्स डॉग का आॅर्डर दिया गया था। इनमें से 25 म्यूल्स को सेना को सौंपने की तैयारी है। माना जा रहा है कि इसे जल्द ही सेना में शामिल किया जा सकता है। अगर इन रोबो डॉग्स का प्रदर्शन अच्छा रहा तो सेना जल्द ही इनकी बड़ी खरीद के लिए रिक्वेस्ट आॅफर प्रपोजल जारी करेगी। आर्कवेंचर्स कंपनी घोस्ट रोबोटिक्स के लाइसेंस के तहत इन रोबो डॉग्स का निर्माण करेगी।
सैन्य युद्धाभ्यास में दिखाई थी झलक
बता दें कि बीते 12 मार्च को भारतीय सेना ने पोकरण में हुए भारत शक्ति सैन्य युद्धाभ्यास में इस रोबोटिक डॉग म्यूल की झलक दिखाई थी। थर्मल कैमरों और रडार से लैस यह म्यूल ऊबड़-खाबड़ जमीन, 18 सेंटीमीटर ऊंची सीढ़ियों और 45 डिग्री वाले पहाड़ी इलाकों में भी आसानी से चढ़ सकता है। इस रोबो म्यूल डॉग की चार टांगें हैं और इसका वजन करीब 51 किलो और लंबाई 27 इंच के आसपास है। यह 3 घंटे 15 मिनट तक लगातार चल सकता है। मात्र एक घंटे में रिचार्ज होकर यह लगातार दस घंटे तक काम कर सकता है। इनका इस्तेमाल सीमा पर तैनात जवानों तक छोटे-मोटे सामान ले जाने के लिए भी किया जा सकता है।
रोबोटिक डॉग की पेलोड क्षमता 10 किलो
सैन्य सूत्रों के अनुसार, रोबोटिक डॉग की पेलोड क्षमता 10 किलोग्राम है। इसमें थर्मल कैमरे और रडार जैसे कई उपकरण लगाए जा सकते हैं। इसे वाई-फाई या लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन यानी एलटीई पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। छोटी दूरी के लिए, वाई-फाई का उपयोग किया जा सकता है, जबकि 4जी/एलटीई का उपयोग 10 किलोमीटर तक की दूरी के लिए किया जा सकता है। म्यूल एक एनालॉग-फेस वाली मशीन है, जिसे रिमोट कंट्रोल से नियंत्रित किया जाता है। बता दें कि हाल ही में चीन ने भी कंबोडिया के साथ हुए अभ्यास में ऐसे ही कुत्ते का प्रदर्शन किया था।
Arun kumar baranwal