जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। अंतरिक्ष में दो सुपरमैसिव ब्लैक होल एक-दूसरे से टकराने वाले हैं। यह घटना इतनी खतरनाक होगी कि पूरा ब्रह्मांड कांप उठेगा। यह घटना पृथ्वी से 800 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर होगी। वैज्ञानिकों ने हबल टेलीस्कोप आॅब्जर्वेटरी की मदद से इसका पता लगाया है। ब्रह्मांड आज हमें जिस रूप में दिखता है वह अरबों साल से चल रहीं प्रक्रियाओं का नतीजा है। इस दौरान असंख्य आकाशगंगाएं एक-दूसरे से टकराईं जिनसे नई आकाशगंगाओं का निर्माण हुआ। इस प्रक्रिया में बड़ी आकाशगंगाओं के टकराने पर उनके केंद्र में मौजूद सुपरमैसिव ब्लैक होल्स का भी विलय होता है। ब्रह्मांड में आकाशगंगाओं का यह विलय आज भी जारी है। वैज्ञानिकों ने धरती से करीब 800 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर ऐसी ही दो विशाल आकाशगंगाओं का पता लगाया है। इन आकाश गंगाओ में मौजूद दोनों के सुपरमैसिव ब्लैक होल आपस में टकराने वाले हैं। यह घटना अद्भुत और अकल्पनीय होगी। यह खोज हबल स्पेस टेलीस्कोप और चन्द्र आब्जर्वेटरी की मदद से की गई है। हबल टेलीस्कोप के कैमरा ने एमसीजी-03-34-64 नाम गैलेक्सी के केंद्र में तीन अलग-अलग तरह की चमक देखी। इनमें से दो एक-दूसरे के बेहद करीब थीं। थोड़ी और रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने पाया कि यहां पर ब्लैक होल की एक जोड़ी मौजूद है जो एक-दूसरे के पास आ रही है। वैज्ञानिकों ने जांच में पाया कि अतिविशाल ब्लैक होल के बीच गुरुत्वाकर्षण इतना बढ़ गया है कि एक दोनों एक दूसरे को अपने करीब खींच रहे हैं। बता दें कि आकाशगंगाओं और उनके ब्लैक होल्स के ऐसे विलय ब्रह्मांडीय संरचना के समय के शुरूआती युगों से ही होते आ रहे हैं। ये आकाशगंगाओं के विकास में अहम पड़ाव होता है। इसी तरीके से छोटी-छोटी आकाशगंगाएं मिलकर बड़ी हो जाती हैं। हमारी मिल्की वे आकाशगंगा भी लगातार छोटी आकाशगंगाओं को निगल रही है। इस प्रक्रिया से कुछ अरब सालों बाद मिल्की वे और पड़ोसी एंड्रोमेडा गैलेक्सी का भी विलय हो जाएगा। वैज्ञानिकों ने कहा कि आम आदमी यह पूरी प्रक्रिया शुरू से आखिर तक नहीं देख सकता है क्योंकि इसमें करोड़ों साल लगते हैं। यह प्रक्रिया सतत रूप से चलती रहती है। एक के बाद दूसरा वैज्ञानिक इस पर शोध करता रहता है। अभी जिन ब्लैक होल्स के विलय की बात हो रही है, वे अपनी-अपनी गैलेक्सी के केंद्र में हैं। जैसे-जैसे ये आकाशगंगाएं एक-दूसरे के करीब आती जाएंगी, उनके केंद्र में मौजूद ब्लैक होल आपस में इंटरएक्ट करना शुरू कर देंगे। आखिरकार, एक जोरदार धमाके साथ वे दोनों एक-दूसरे में विलीन हो जाएंगे। इस प्रक्रिया के चलते गुरुत्वाकर्षण तरंगें उत्सर्जित होंगी। यह विलय इतना खतरनाक होगा कि पूरे ब्रह्मांड में भूचाल आ जाएगा।
Rajneesh kumar tiwari