जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। त्योहारी सीजन शुरू होने के बीच एक अक्तूबर से 10 जरूरी नियम बदल गए हैं। इसे हर आदमी के लिए जानना जरूरी है। इसमें टैक्स, बीमा, निवेश, बचत योजनाएं शामिल हैं। वहीं महीने की शुरूआत में महंगाई का झटका लगा है। कामर्शियल, फ्री ट्रेड एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई है। एक अक्टूबर से लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में संशोधन किया गया है। यह बदलाव आज से दिसंबर तक के लिए लागू होगा। इसका सीधा असर आपकी बचत पर होगा। दूसरी ओर कमर्शियल एलपीजी सिलिंडर महंगा हो गया है। 19 किलोग्राम कमर्शियल सिलिंडर के दाम में 48 रुपये 50 पैसे की की बढ़ोतरी का ऐलान किया गया है। बढ़ी हुई दरें आज से लागू हो चुकी हैं। देश की राजधानी दिल्ली में कमर्शियल सिलिंडर के दाम 1691 रुपये से बढ़कर अब 1740 रुपये प्रति सिलेंडर हो गया है। मुंबई में 19 किलोग्राम वाला कमर्शियल सिलिंडर 1692 रुपये का मिलेगा। वहीं, पांच किलो के फ्री ट्रेड एलपीजी सिलेंडरों की कीमतों में 12 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। एचडीएफसी क्रेडिट कार्ड के नियम बदल गए हैं। एचडीएफसी बैंक के कुछ क्रेडिट कार्ड्स के लिए लायल्टी प्रोग्राम को बदला गया है। इसके मुताबिक एचडीएफसी बैंक ने स्मार्टबाय प्लेटफॉर्म पर ऐप्पल प्रोडक्ट के लिए रिवॉर्ड प्वाइंट के रिडम्पशन को हर कैलेंडर तिमाही तक सीमित कर दिया है। यानी इसका लाभ केवल तीन महीने के भीतर ही लिया जा सकता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी ने विवाद से विश्वास योजना फिर से शुरू कर दी है। इससे कर विवादों का समाधान, मुकदमेबाजी और संबंधित लागत को कम करने में मदद मिलेगी। यह योजना 31 दिसंबर तक चलेगी। जीवन बीमा पॉलिसी की परिपक्वता या किसी आकस्मिकता पर मिलने वाली रकम पर अब 2 प्रतिशत का टीडीएस कटेगा। पहले यह 5 प्रतिशत था। यानी इसमें 3 प्रतिशत की कटौती की गई है। वहीं पॉलिसी सरेंडर करने पर अब ज्यादा पैसा वापस मिलेगा, भले ही पहले वर्ष के बाद ही सरेंडर हो। पहले इसमें कोई पैसा नहीं मिलता था। कुछ व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार अगर मासिक 50,000 रुपये किराया देते हैं, तो अब इस पर मकान मालिक को टीडीएस दो फीसदी ही काटना होगा। पहले यह पांच फीसदी था। इससे मकान मालिक को अब ज्यादा पैसा मिलेगा। अचल संपत्ति की कीमत या स्टांप शुल्क का मूल्य अगर 50 लाख रुपये या इससे ज्यादा है, तो उस पर 1 प्रतिशत ही टीडीएस कटेगा। भले ही इसे 10 लोग मिलकर खरीदें या एक व्यक्ति। अब ई-कॉमर्स कंपनियों को केवल 0.01% टैक्स काटना होगा। जो पहले एक फीसदी था। इससे विक्रेताओं पर वित्तीय बोझ कम होगा। वहीं आरबीआई के नए नियम के तहत, बैंकों व एनबीएफसी को कर्ज देते समय सभी चीजें कर्जदार की भाषा में आसान तरीके से बतानी होंगी। इसमें कर्ज की लागत, ब्याज, शर्तें व अन्य शुल्कों शामिल हैं। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी। इसी तरह स्वास्थ्य बीमा लेने पर अब अधिकतम प्रतीक्षा अवधि तीन साल होगी। पहले चार साल थी। पुरानी पॉलिसी के नवीनीकरण के समय भी यह लागू होगा। एंडोमेंट पॉलिसी में पहले निकलने पर ज्यादा भुगतान भी मिलेगा। शेयर बायबैक में अब निवेशकों को 20 प्रतिशत टैक्स देना होगा। पहले इसे कंपनियां देती थीं और निवेशक की आय करमुक्त होती थी। बायबैक आय को अब लाभांश माना जाएगा। वहीं सेबी के नए नियमों के मुताबिक, बोनस इश्यू रिकॉर्ड तारीख से दो दिन बाद कारोबार के लिए उपलब्ध होंगे। अभी दो सप्ताह लगते हैं।
Rajneesh kumar tiwari