जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ ने इतिहास रच दिया। बुधवार की रात बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम के दूसरे चरण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस कदम से भारत रूस के एस-400 या एस-500 के भरोसे न रहकर डिफेंस सिस्टम सेक्टर में आत्मनिर्भर बनेगा। भारत ने बुधवार को अपनी बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम के दूसरे चरण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस सुरक्षा कवच की रेंज 5000 किलोमीटर तक है। यानी यह बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम 5000 किलोमीटर की दूर से आ रही दुश्मन देश की मिसाइस की पहचान कर उसे हवा में ही राख कर देगा। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि फ्लाइट टेस्ट के दौरान सभी परीक्षण लक्ष्यों को शत प्रतिशत हासिल किया गया। जिससे सम्पूर्ण नेटवर्क-केंद्रित युद्ध अस्त्र प्रणाली अपने मानकों पर खरी उतरी। डीआरडीओ के एक अधिकारी ने बताया कि मिसाइल ने हवा में डमी के तौर पर तैनात दुश्मन के मिसाइल को काफी सटीकता से टारगेट किया। डीआरडीओ के अनुसार बीएमडी को ओडिशा के चांदीपुर के एलसी धामरा केंद्र से बुधवार शाम 4 बजकर 24 मिनट पर लांच किया गया। डीआरडीओ ने बताया कि यह बैलेस्टिक मिसाइल 35 किलोमीटर की ऊंचाई की रेंज में दुश्मनों की नापाक साजिश का नाकामयाब कर सकती है। इसे आकाश मिसाइल नाम दिया गया है। इसके सभी चरण पूर्ण होने के बाद भारत को रूस के एस400 या एस-500 एयर डिफेंस सिस्टम की जरूरत नहीं रहेगी। यानी भारत इस सेक्टर में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ जाएगा। वहीं, चीन से लेकर पाकिस्तान के अंदरूनी हिस्सों से भारत की और आने वाली मिसाइलों को एक ही झटके में तबाह किया जा सकेगा। डीआरडीओ के अनुसार डमी टारगेट को भूमि और समुद्र पर तैनात हथियार प्रणाली रडारों द्वारा पता लगा लिया गया। इसके बाद इंटरसेप्टर प्रणाली को सक्रिय कर दिया गया। बता दें कि दूसरे चरण की एंडी एंडो-वायुमंडलीय मिसाइल स्वदेशी रूप से विकसित दो चरणीय ठोस ईंधन वाली वाली मिसाइल प्रणाली है। इसे जमीन समुद्र से दगा जा सकेगा। इसका उद्देश्य कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दुश्मन के कई प्रकार के बैलिस्टिक मिसाइल खतरों का खात्मा करना है। मिसाइल के प्रदर्शन की निगरानी आईटीआर, चांदीपुर द्वारा जहाज सहित विभिन्न स्थानों पर तैनात इलेक्ट्रो-आॅप्टिकल सिस्टम और रडार जैसे निगरानी उपकरणों द्वारा किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ की सफलता पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस परीक्षण ने एक बार फिर भारत की बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा क्षमता का प्रदर्शन किया है। वहीं, रक्षा मंत्रालय आॅफिस ने ट्वीट कर कहा कि डीआरडीओ ने 24 जुलाई को बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम के दूसरे फेज का सफलतापूर्वक उड़ान टेस्ट किया गया।
Rajneesh kumar tiwari