जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। दो साल के लंबे इंतजार के बाद डीआरडीओ ने फिर अग्नि सीरीज की सबसे खतरनाक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। ओडिशा के चांदीपुर इसे मिसाइल का सफल परीक्षण किया। एक टन वजनी परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम इस इंटरमीडियट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल से चीन और पाकिस्तान कांपते हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी कामयाबी हासिल की। डीआरडीओ ने ओडिशा तट के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से ताकतवर बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-4 का सफल परीक्षण किया। रक्षा सूत्रों के अनुसार परीक्षण के दौरान अग्नि-4 मिसाइल ने सभी परिचालन और तकनीकी मापदंडों को सफलतापूर्वक पूरा किया। बता दें कि अग्नि-4 का पहला सफल परीक्षण 15 नवंबर 2011 में हुआ था। उसके बाद ताजा परीक्षण मिलाकर इसके कुल 8 परीक्षण हो चुके हैं। यह भारत की परमाणु हथियारों की पुख्ता तैयारी का प्रमाण है। भारत इस टेस्टिंग से बताना चाहता है कि वह अपने विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध क्षमता को बनाए रखेगा। यह भारत के स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड की अग्नि मिसाइल सीरीज की चौथी खतरनाक बैलिस्टिक मिसाइल है। अग्नि-4 मिसाइल को डीआरडीओ और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने मिलकर बनाया था। इसका वजन 17 हजार किलोग्राम है। इसकी लंबाई 66 फीट है। इसमें तीन तरह के हथियार ले जाए जा सकते हैं। जिनमें- पारंपरिक, थमोर्बेरिक और स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर वेपन शामिल हैं। अग्नि-4 की एक्टिव रेंज 3500 से 4000 किलोमीटर है। यह 900 किलोमीटर की ऊंचाई तक सीधी उड़ान भर सकती है। इसके सटीकता 100 मीटर है। हमला करते समय यह 100 मीटर के दायरे में आने वाली सभी वस्तुओं को खाक कर देती है। यानी हमला होने के बाद दुश्मन या टारगेट चाहकर भी ज्यादा दूर नहीं भाग सकता। अग्नि-4 को लान्च करने के 8 गुणे 8 ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लान्चर या फिर रेल मोबाइल लान्चर से दागा जाता है। इसका नेविगेशन डिजिटली नियंत्रित किया जा सकता है। इसका एवियोनिक्स सिस्टम इतना भरोसेमंद है कि आप इसे दुश्मन की तरफ बेहद सटीकता से दाग सकते हैं। अग्नि-4 का पहला सफल परीक्षण 15 नवंबर 2011 में हुआ था। उसके बाद ताजा परीक्षण मिलाकर इसके कुल 8 परीक्षण हो चुके हैं। इसमें एक टन का हथियार लोड किया जा सकता है। यह मिसाइल 3000 डिग्री सेल्सियस का तापमान सहते हुए वायुमंडल के अंदर प्रवेश कर सकती है। यानी इसका उपयोग भविष्य में अंतरिक्ष में हमला करने के लिए भी किया जा सकता है।
Rajneesh kumar tiwari