इसरो ने चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग कराई थी, यह ऐतिहासिक पल आप भूले नहीं होंगे। चंद्रयान-3 के बाद अब चंद्रयान-4 मिशन को लेकर इसरो चीफ ने बड़ा अपडेट दिया है। इस बार अंतरिक्ष यान धरती पर लौटने से पहले कई बड़े कारनामे को अंजाम देगा।
चांद से सैंपल लेकर आएगा अंतरिक्ष यान
चांद के उत्तरी धु्रव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग कराने वाला भारत दुनिया का पहला देश है। इसरो के इस कारनामे से भारतवासियों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया था। अब इसरो देशवासियों की इस खुशी को दोगुनी करने के लिए काम कर रहा है। इसरो चीफ सोमनाथ के अनुसार, इस बार हमारा चंद्रयान-4 चांद से सैंपल लेकर वापस धरती पर लौटेगा। इस मिशन की सबसे खास बात यह है कि इस बार यान को एक बार में नहीं लॉन्च किया जाएगा।
अंतरिक्ष यान की दो हिस्सा में होगी लॉन्चिंग
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस बार अंतरिक्ष यान का दो हिस्सा होगा और दोनों की अलग-अलग लॉन्चिंग की जाएगी। चंद्रमा पर लैंडिंग से पहले अंतरिक्ष यान को अंतरिक्ष में ही जोड़ा जाएगा। इसरो चीफ के अनुसार, अंतरिक्ष यान के विभिन्न हिस्सों को दो लॉन्च के माध्यम से कक्षा में भेजा जाएगा। दुनिया में ऐसा पहली बार होगा, जब किसी अंतरिक्ष यान को दो भागों में लॉन्च किया जाएगा और फिर अंतरिक्ष में जोड़ा जाएगा। इस तरह चांद पर लैंडिंग से पहले ही भारत दुनिया में इतिहास रच देगा।
चांद से सैंपल लाना मुख्य काम
इसरो के अनुसार, चंद्रयान-4 का मुख्य काम चांद से सैंपल को वापस धरती पर लाना है। वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-4 के कन्फीग्रेशन पर इस तरह काम किया है कि चंद्रमा से सैंपल वापस धरती पर कैसे लाया जाए। इसरो मानता है कि हमारी वर्तमान रॉकेट क्षमता एक बार में ऐसा करने के लिए सक्षम नहीं है। इसलिए, अंतरिक्ष में यान के विभिन्न भागों को जोड़ने की आवश्यकता है। इस क्षमता को विकसित करने के लिए वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। जिस पर साल के अंत तक सफलता मिलने की उम्मीद है।
शिव शक्ति प्वाइंट के निकट होगी लैडिंग
इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-4 जब चांद की सतह से नमूने एकत्र करके लाएगा तो उसका वैज्ञानिक विश्लेषण किया जाएगा। यह उपलब्धि अभी तक केवल अमेरिका, रूस और चीन ने ही हासिल की है। चंद्रयान-4 की लैंडिंग शिव शक्ति प्वाइंट के निकट कराई जाएगी। चांद का एक दिन पृथ्वी के लगभग 14 दिनों के बराबर होता है। इस मिशन की लाइफ भी इतनी ही होगी। मल्टी-लॉन्च, मल्टी-मॉड्यूल दृष्टिकोण की खासियत वाला चंद्रयान-4 इसरो के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।
Arun kumar baranwal