August 20, 2024
जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। चीन हो या पाकिस्तान उसके टैंकों-बख्तरबंद वाहनों को डीआरडीओ का नया हथियार दूर से ही भस्म कर देगा। यह भारत का नाग एंटी-टैंक मिसाइल सिस्टम है। यह नाग एंटी टैंक मिसाइल का एडवांस और खतरनाक वर्जन नाग एमके- 2 है। यह जंग के मैदान में पहुंचा तो दुश्मन टैंकों की खैर नहीं होगी। अब चीन और पाकिस्तान समेत दुश्मन देशों की भारत के सामने अपने टैंकों को उतारने की हिम्मत नहीं होगी। भारत टैंकों और बख्तरबंद वाहनों की मौत का सामान तैयार कर रहा है। डीआरडीओ भारतीय सेना के लिए नया और ज्यादा खतरनाक, एडवांस और तेज-तर्रार एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम नाग एमके-2 बनाने जा रहा है। हाल ही में इंटरव्यू के दौरान डीआरडीओ चीफ डॉ. समीर वी. कामत ने इसका खुलासा किया था। उन्होंने बताया कि नाग एमके-2 अपने पुराने वर्जन से कहीं ज्यादा बेहतर होगा। यह हल्का, हर मौसम में काम करने वाला और फायर एंड फारगेट तकनीक से लैस होगा। इसमें मिसाइल लांच करने के बाद लाक-आन का आप्शन होगा। यानी एक बार टारगेट मिसाइल के निशाने पर आ गया तो कहीं भी भागकर बच नहीं पाएगा। नागएमके-2 को नई तकनीकों से लैस करने के साथ डीआरडीओ इसकी रेंज बढ़ाने पर भी काम कर रहा है। साथ ही इसके परफारमेंस को भी धार देगा। इस बार इस एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल वारफेयर सिस्टम में हेलिना मिसाइल प्रोग्राम को भी शामिल किया जाएगा। साथ ही इसमें जेट वेन कंट्रोल सिस्टम होगा। इससे इसकी मैन्यूवेरिबिलिटी और सटीकता और बेहतर हो जाएगी। जल्द ही इस वारफेयर सिस्टम की टेस्टिंग शुरू होगी। बता दें कि पुराने वर्जन का पूरा नाम नाग मिसाइल कैरियर था। इसके इस्तेमाल सेना और वायुसेना दोनों करती हैं। इसकी एक मिसाइल का वजन 43 किलोग्राम होता है। वहीं लंबाई 6.1 फीट होती है। इसकी मिसाइलों में टैंडम-चार्ज हीट यानी बंकर, टैंक, बख्तरबंद वाहनों को उड़ाने वाले 8 किलोग्राम के विस्फोटक लगाए जाते हैं। इसमें लगने वाली मिसाइलों की रेंज 500 मीटर से 4 किलोमीटर है। अब नाग एमके-2 में हेलिना मिसाइल लगाई जा रही है। इससे इसकी रेंज 7 से 10 किलोमीटर हो जाएगी। इसके अलावा संत मिसाइल भी लगाई जाएगी। संत मिसाइल की रेंज 15 से 20 किलोमीटर है। इसकी मिसाइलें अलग-अलग रेंज की हैं, जो अलग-अलग गति से उड़ान भरती हैं। ये बीच रास्ते में दिशा भी बदल सकती है।
Rajneesh kumar tiwari