जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। चीन ने धरती के घूमने की गति को धीमा कर दिया है। यह बात सुनने में अजीब और आश्चर्यजनक जरूर लग रही है लेकिन यह सच है। नासा के वैज्ञानिकों ने यह चेतावनी जारी की है। चेतावनी के अनुसार चीन के विशाल थ्री गॉर्ज डैम की वजह से धरती की घूमने की स्पीड धीमी हो गई है। चीन का विशाल थ्री गॉर्ज डैम पूरी दुनिया के लिए परेशानी का सबब बन चुका है। नासा ने चेतावनी दी है कि इसकी वजह से धरती की घूमने की स्पीड धीमी हो गई है। डैम में भारी मात्रा में पानी स्टोर होने की वजह से धरती के घूमने की गति हर दिन के हिसाब से 0.6 माइक्रो सेकंड तक धीमा हो चुकी है। यांग्त्जी नदी पर बनाए गए विशाल थ्री गॉर्ज डैम में ज्यादा पानी होने की वजह से धरती को निष्क्रियता की ओर धकेल दिया है। इसकी वजह से रोटेट करने के दौरान गति में बदलाव देखा जा रहा है। वैज्ञानिकों ने उदाहरण देकर इस प्रक्रिया को समझाया है। उनके अनुसार एक स्केटर खींचकर तेजी से घूमता है और फैलकर अपनी गति को धीमा करता है। वैसे ही धरती के घूमने की स्पीड पर पानी के फैलाव का प्रभाव पड़ता है। जब किसी भी चीज का मास धरती के सेंटर के पास होता है तो धरती तेजी से घूमती है। वहीं जब मास धरती के सतह पर फैल जाता है तो इसकी गति धीमी हो जाती है। इस वजह से थ्री गॉर्ज डैम में रखा गया पानी धरती के स्पीड को कम करने की मुख्य वजह मानी जा रही है। नासा के वैज्ञानिक बेंजामिन फोंग चाओ के अनुसार चीन का डैम पृथ्वी के जीवन चक्र को बदल सकता है। इस थ्री गॉर्ज डैम ने धरती की घूमने की गति को 0.06 माइक्रोसेकंड प्रतिदिन के हिसाब से धीमा कर दिया है। वैज्ञानिकों के अनुसार मौजूदा समय में यह बदलाव काफी छोटा है। वहीं इसे नहीं रोका गया तो इसके भीषण परिणाम सामने आएंगे। ये डैम यह दिखाता है कि मानव निर्मित संरचनाएं कैसे धरती की प्राकृतिक प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकती हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि धरती की घूमने की गति में पृथ्वी के निष्क्रियता के पल महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह बताता है कि किस प्रकार मास धरती की घूमने की धुरी के संबंध में फैला हुआ है। जब बड़ी मात्रा में पानी जमा होता है तो यह मास भूमध्य रेखा की ओर फैलता है। जिससे धरती के घूमने की गति में बदलाव आता है। बता दें कि थ्री गॉर्ज डैम में 40 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी रखा जा सकता है। जल की गति में बदलाव ही भूमध्य रेखा को प्रभावित करता है। इससे धरती की गति थोड़ी धीमी हो जाती है। वैज्ञानिकों के अनुसार थ्री गॉर्ज डैम तकनीकी नजरिए से खतरनाक ह। यह डैम 185 मीटर ऊंचा और 2 किलोमीटर से अधिक लंबा है। यह दुनिया का सबसे बड़ा बिजली पैदा करने वाला डैम है। अपनी पूर्ण क्षमता पर यह 22,500 मेगावाट बिजली उत्पन्न करता है। इससे लाखों घरों और उद्योगों को एनर्जी मिलती है।
Rajneesh kumar tiwari