जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनावों के बीच अमेरिकी सरकार ने चीन के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की दादागिरी खत्म करने के लिए अमेरिका ने अपने सबसे खतरनाक मिसाइल इंटरसेप्टर्स को तैनात कर दिया है। इससे ड्रैगन को नींद नहीं आएगी। वहीं इसके सामने उसकी बैलिस्टिक मिसाइलें धुएं में उड़ जाएगी। अमेरिका ने गुआम में एमके-41 वर्टिकल लांच सिस्टम यानी वीएलएस को तैनात कर दिया है। यह चीन से संभावित खतरों के खिलाफ बढ़ती तैयारियों का संकेत है। इस कदम के तहत अमेरिका अपने प्रशांत महासागरीय ठिकानों को मजबूत करने के लिए सबसे आधुनिक मिसाइल इंटरसेप्टर्स को शामिल कर रहा है। द वार जोन ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि यूएस नेवी ने गुआम में एयर डिफेंस सिस्टम के लिए एमके-41 वीएलएस स्थापित किया है। जो इस आइलैंड की हिफाजत की दिशा में बेहद अहम प्रगति को दिखाता है। रिपोर्ट के अनुसार यह तैनाती गुआम के एयरस्पेस सिक्योरिटी को बढ़ाने के लिए बड़ी कोशिशों का हिस्सा है। जिसका मुख्य ध्यान चीनी खतरों पर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एजिस एजिस एशोर सिस्टम में कॉम्बैट सिस्टम और एनए/एसपीवाई-1 रडार शामिल हैं। इसका मकसद बैलिस्टिक मिसाइलों को उनके बीच उड़ान के दौरान ही नष्ट करना है। यानी जब कोई दुश्मन देश इस ओर मिसाइल हमला करेगा तो इस मिसाइल इंटरसेप्टर्स से निकली मिसाइल उसे धुआं कर देगी। बता दें कि एमके-41 में कई इंटरसेप्टर्स लगे हैं। यह हाइपरसोनिक खतरों का भी मुकाबला करने में सक्षम है। यह अपग्रेड अमेरिका ने खासकर चीन के साथ ही उत्तर कोरियाई खतरों के खिलाफ किया है। अमेरिका का यह प्रयास प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति को बढ़ाने की बड़ी पहल का भी हिस्सा है। जिसमें टिनियन डायवर्ट एयरफील्ड परियोजना शामिल है। इस योजना में नया विमान टैक्सीवे और पार्किंग एप्रन शामिल है। इसे 2025 में पूरा किया जाना है। प्रोजेक्ट का मकसद अमेरिकी सेना को मानवीय सहायता और आपदा राहत का समर्थन करने के लिए रणनीतिक, परिचालन और अभ्यास क्षमताएं प्रदान करना है। बता दें कि प्रशांत महासागर में स्थित छोटे द्वीप गुआम की अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रणनीति में एक रणनीतिक भूमिका है। हडसन इंस्टीट्यूट के आर्टिकल में सेंटर फेलो ओरियाना स्काईलर मास्ट्रो ने इसकी विस्तार से जानकारी दी है। मास्ट्रो के अनुसार गुआम रणनीतिक नजरिए से अमेरिका के बेहद खास है। इसके जरिए वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर न केवल चीन की दादागिरी खत्म करेगा बल्कि समय आने पर उसे कड़ा सबक सिखाएगा। यहां से चीन को कंट्रोल में किया जा सकता है। अमेरिका समय आने पर चीन के खिलाफ आपरेशन को भी अंजाम दे सकता है। मास्ट्रो के अनुसार गुआम पर अमेरिकी बलों की सुरक्षा के लिए कड़े उपाय किए जाने चाहिए। जिससे क्षेत्र में स्थिरता बनी रहे और चीन के आक्रामक व्यवहार को रोका जा सके।
Rajneesh kumar tiwari